2Samuel (20/24)  

1. झगड़ने वालों में से एक बदमआश था जिस का नाम सबा बिन बिक्री था। वह बिन्यमीनी था। अब उस ने नरसिंगा बजा कर एलान किया, “न हमें दाऊद से मीरास में कुछ मिलेगा, न यस्सी के बेटे से कुछ मिलने की उम्मीद है। ऐ इस्राईल, हर एक अपने घर वापस चला जाए!”
2. तब तमाम इस्राईली दाऊद को छोड़ कर सबा बिन बिक्री के पीछे लग गए। सिर्फ़ यहूदाह के मर्द अपने बादशाह के साथ लिपटे रहे और उसे यर्दन से ले कर यरूशलम तक पहुँचाया।
3. जब दाऊद अपने महल में दाख़िल हुआ तो उस ने उन दस दाश्ताओं का बन्द-ओ-बस्त कराया जिन को उस ने महल को सँभालने के लिए पीछे छोड़ दिया था। वह उन्हें एक ख़ास घर में अलग रख कर उन की तमाम ज़रूरियात पूरी करता रहा लेकिन उन से कभी हमबिसतर न हुआ। वह कहीं जा न सकीं, और उन्हें ज़िन्दगी के आख़िरी लम्हे तक बेवा की सी ज़िन्दगी गुज़ारनी पड़ी।
4. फिर दाऊद ने अमासा को हुक्म दिया, “यहूदाह के तमाम फ़ौजियों को मेरे पास बुला लाएँ। तीन दिन के अन्दर अन्दर उन के साथ हाज़िर हो जाएँ।”
5. अमासा रवाना हुआ। लेकिन जब तीन दिन के बाद लौट न आया
6. तो दाऊद अबीशै से मुख़ातिब हुआ, “आख़िर में सबा बिन बिक्री हमें अबीसलूम की निस्बत ज़ियादा नुक़्सान पहुँचाएगा। जल्दी करें, मेरे दस्तों को ले कर उस का ताक़्क़ुब करें। ऐसा न हो कि वह क़िलआबन्द शहरों को क़ब्ज़े में ले ले और यूँ हमारा बड़ा नुक़्सान हो जाए।”
7. तब योआब के सिपाही, बादशाह का दस्ता करेती-ओ-फ़लेती और तमाम माहिर फ़ौजी यरूशलम से निकल कर सबा बिन बिक्री का ताक़्क़ुब करने लगे।
8. जब वह जिबऊन की बड़ी चटान के पास पहुँचे तो उन की मुलाक़ात अमासा से हुई जो थोड़ी देर पहले वहाँ पहुँच गया था। योआब अपना फ़ौजी लिबास पहने हुए था, और उस पर उस ने कमर में अपनी तल्वार की पेटी बाँधी हुई थी। अब जब वह अमासा से मिलने गया तो उस ने अपने बाएँ हाथ से तल्वार को चोरी चोरी मियान से निकाल लिया।
9. उस ने सलाम करके कहा, “भाई, क्या सब ठीक है?” और फिर अपने दहने हाथ से अमासा की दाढ़ी को यूँ पकड़ लिया जैसे उसे बोसा देना चाहता हो।
10. अमासा ने योआब के दूसरे हाथ में तल्वार पर ध्यान न दिया, और अचानक योआब ने उसे इतने ज़ोर से पेट में घोंप दिया कि उस की अंतड़ियाँ फूट कर ज़मीन पर गिर गईं। तल्वार को दुबारा इस्तेमाल करने की ज़रूरत ही नहीं थी, क्यूँकि अमासा फ़ौरन मर गया। फिर योआब और अबीशै सबा का ताक़्क़ुब करने के लिए आगे बढ़े।
11. योआब का एक फ़ौजी अमासा की लाश के पास खड़ा रहा और गुज़रने वाले फ़ौजियों को आवाज़ देता रहा, “जो योआब और दाऊद के साथ है वह योआब के पीछे हो ले!”
12. लेकिन जितने वहाँ से गुज़रे वह अमासा का ख़ूनआलूदा और तड़पता हुआ जिस्म देख कर रुक गए। जब आदमी ने देखा कि लाश रुकावट का बाइस बन गई है तो उस ने उसे रास्ते से हटा कर खेत में घसीट लिया और उस पर कपड़ा डाल दिया।
13. लाश के ग़ाइब हो जाने पर सब लोग योआब के पीछे चले गए और सबा का ताक़्क़ुब करने लगे।
14. इतने में सबा पूरे इस्राईल से गुज़रते गुज़रते शिमाल के शहर अबील-बैत-माका तक पहुँच गया था। बिक्री के ख़ान्दान के तमाम मर्द भी उस के पीछे लग कर वहाँ पहुँच गए थे।
15. तब योआब और उस के फ़ौजी वहाँ पहुँच कर शहर का मुहासरा करने लगे। उन्हों ने शहर की बाहर वाली दीवार के साथ साथ मिट्टी का बड़ा तोदा लगाया और उस पर से गुज़र कर अन्दर वाली बड़ी दीवार तक पहुँच गए। वहाँ वह दीवार की तोड़ फोड़ करने लगे ताकि वह गिर जाए।
16. तब शहर की एक दानिशमन्द औरत ने फ़सील से योआब के लोगों को आवाज़ दी, “सुनें! योआब को यहाँ बुला लें ताकि मैं उस से बात कर सकूँ।”
17. जब योआब दीवार के पास आया तो औरत ने सवाल किया, “क्या आप योआब हैं?” योआब ने जवाब दिया, “मैं ही हूँ।” औरत ने दरख़्वास्त की, “ज़रा मेरी बातों पर ध्यान दें।” योआब बोला, “ठीक है, मैं सुन रहा हूँ।”
18. फिर औरत ने अपनी बात पेश की, “पुराने ज़माने में कहा जाता था कि अबील शहर से मश्वरा लो तो बात बनेगी।
19. देखें, हमारा शहर इस्राईल का सब से ज़ियादा अम्नपसन्द और वफ़ादार शहर है। आप एक ऐसा शहर तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘इस्राईल की माँ’ कहलाता है। आप रब्ब की मीरास को क्यूँ हड़प कर लेना चाहते हैं?”
20. योआब ने जवाब दिया, “अल्लाह न करे कि मैं आप के शहर को हड़प या तबाह करूँ।
21. मेरा आने का एक और मक़्सद है। इफ़्राईम के पहाड़ी इलाक़े का एक आदमी दाऊद बादशाह के ख़िलाफ़ उठ खड़ा हुआ है जिस का नाम सबा बिन बिक्री है। उसे ढूँड रहे हैं। उसे हमारे हवाले करें तो हम शहर को छोड़ कर चले जाएँगे।” औरत ने कहा, “ठीक है, हम दीवार पर से उस का सर आप के पास फैंक देंगे।”
22. उस ने अबील-बैत-माका के बाशिन्दों से बात की और अपनी हिक्मत से उन्हें क़ाइल किया कि ऐसा ही करना चाहिए। उन्हों ने सबा का सर क़लम करके योआब के पास फैंक दिया। तब योआब ने नरसिंगा बजा कर शहर को छोड़ने का हुक्म दिया, और तमाम फ़ौजी अपने अपने घर वापस चले गए। योआब ख़ुद यरूशलम में दाऊद बादशाह के पास लौट गया।
23. योआब पूरी इस्राईली फ़ौज पर, बिनायाह बिन यहोयदा शाही दस्ते करेती-ओ-फ़लेती पर
24. और अदोराम बेगारियों पर मुक़र्रर था। यहूसफ़त बिन अख़ीलूद बादशाह का मुशीर-ए-ख़ास था।
25. सिवा मीरमुन्शी था और सदोक़ और अबियातर इमाम थे।
26. ईरा याईरी दाऊद का ज़ाती इमाम था।

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