2Peter (2/3)  

1. लेकिन जिस तरह माज़ी में इस्राईल क़ौम में झूटे नबी भी थे, उसी तरह आप में से भी झूटे उस्ताद खड़े हो जाएँगे। यह ख़ुदा की जमाअतों में मुहलक तालीमात फैलाएँगे बल्कि अपने मालिक को जानने से इन्कार भी करेंगे जिस ने उन्हें ख़रीद लिया था। ऐसी हर्कतों से यह जल्द ही अपने आप पर हलाकत लाएँगे।
2. बहुत से लोग उन की अय्याश हर्कतों की पैरवी करेंगे, और इस वजह से दूसरे सच्चाई की राह पर कुफ़्र बकेंगे।
3. लालच के सबब से यह उस्ताद आप को फ़र्ज़ी कहानियाँ सुना कर आप की लूट-खसूट करेंगे। लेकिन अल्लाह ने बड़ी देर से उन्हें मुज्रिम ठहराया, और उस का फ़ैसला सुस्तरफ़्तार नहीं है। हाँ, उन का मुन्सिफ़ ऊँघ नहीं रहा बल्कि उन्हें हलाक करने के लिए तय्यार खड़ा है।
4. देखें, अल्लाह ने उन फ़रिश्तों को बचने न दिया जिन्हों ने गुनाह किया बल्कि उन्हें तारीकी की ज़न्जीरों में बाँध कर जहन्नुम में डाल दिया जहाँ वह अदालत के दिन तक मह्फ़ूज़ रहेंगे।
5. इसी तरह उस ने क़दीम दुनिया को बचने न दिया बल्कि उस के बेदीन बाशिन्दों पर सैलाब को आने दिया। उस ने सिर्फ़ रास्तबाज़ी के पैग़म्बर नूह को सात और जानों समेत बचाया।
6. और उस ने सदूम और अमूरा के शहरों को मुज्रिम क़रार दे कर राख कर दिया। यूँ अल्लाह ने उन्हें इब्रत बना कर दिखाया कि बेदीनों के साथ क्या कुछ किया जाएगा।
7. साथ साथ उस ने लूत को बचाया जो रास्तबाज़ था और बेउसूल लोगों के गन्दे चाल-चलन देख देख कर पिसता रहा।
8. क्यूँकि यह रास्तबाज़ आदमी उन के दर्मियान बसता था, और उस की रास्तबाज़ जान रोज़-ब-रोज़ उन की शरीर हर्कतें देख और सुन कर सख़्त अज़ाब में फंसी रही।
9. यूँ ज़ाहिर है कि रब्ब दीनदार लोगों को आज़्माइश से बचाना और बेदीनों को अदालत के दिन तक सज़ा के तहत रखना जानता है,
10. ख़ासकर उन्हें जो अपने जिस्म की गन्दी ख़्वाहिशात के पीछे लगे रहते और ख़ुदावन्द के इख़तियार को हक़ीर जानते हैं। यह लोग गुस्ताख़ और मग़रूर हैं और जलाली हस्तियों पर कुफ़्र बकने से नहीं डरते।
11. इस के मुक़ाबले में फ़रिश्ते भी जो कहीं ज़ियादा ताक़तवर और क़वी हैं रब्ब के हुज़ूर ऐसी हस्तियों पर बुह्तान और इल्ज़ामात लगाने की जुरअत नहीं करते।
12. लेकिन यह झूटे उस्ताद बेअक़ल जानवरों की मानिन्द हैं, जो फ़ित्री तौर पर इस लिए पैदा हुए हैं कि उन्हें पकड़ा और ख़त्म किया जाए। जो कुछ वह नहीं समझते उस पर वह कुफ़्र बकते हैं। और जंगली जानवरों की तरह वह भी हलाक हो जाएँगे।
13. यूँ जो नुक़्सान उन्हों ने दूसरों को पहुँचाया वही उन्हें ख़ुद भुगतना पड़ेगा। उन के नज़्दीक लुत्फ़ उठाने से मुराद यह है कि दिन के वक़्त खुल कर ऐश करें। वह दाग़ और धब्बे हैं जो आप की ज़ियाफ़तों में शरीक हो कर अपनी दग़ाबाज़ियों की रंगरलियाँ मनाते हैं।
14. उन की आँखें हर वक़्त किसी बदकार औरत से ज़िना करने की तलाश में रहती हैं और गुनाह करने से कभी नहीं रुकतीं। वह कमज़ोर लोगों को ग़लत काम करने के लिए उकसाते और लालच करने में माहिर हैं। उन पर अल्लाह की लानत!
15. वह सहीह राह से हट कर आवारा फिर रहे और बलआम बिन बओर के नक़्श-ए-क़दम पर चल रहे हैं, क्यूँकि बलआम ने पैसों के लालच में ग़लत काम किया।
16. लेकिन गधी ने उसे इस गुनाह के सबब से डाँटा। इस जानवर ने जो बोलने के क़ाबिल नहीं था इन्सान की सी आवाज़ में बात की और नबी को उस की दीवानगी से रोक दिया।
17. यह लोग सूखे हुए चश्मे और आँधी से धकेले हुए बादल हैं। इन की तक़्दीर अंधेरे का तारीकतरीन हिस्सा है।
18. यह मग़रूर बातें करते हैं जिन के पीछे कुछ नहीं है और ग़ैरअख़्लाक़ी जिस्मानी शहवतों से ऐसे लोगों को उकसाते हैं जो हाल ही में धोके की ज़िन्दगी गुज़ारने वालों में से बच निकले हैं।
19. यह उन्हें आज़ाद करने का वादा करते हैं जबकि ख़ुद बदकारी के ग़ुलाम हैं। क्यूँकि इन्सान उसी का ग़ुलाम है जो उस पर ग़ालिब आ गया है।
20. और जो हमारे ख़ुदावन्द और नजातदिहन्दा ईसा मसीह को जान लेने से इस दुनिया की आलूदगी से बच निकलते हैं, लेकिन बाद में एक बार फिर इस में फंस कर मग़लूब हो जाते हैं उन का अन्जाम पहले की निस्बत ज़ियादा बुरा हो जाता है।
21. हाँ, जिन लोगों ने रास्तबाज़ी की राह को जान लिया, लेकिन बाद में उस मुक़द्दस हुक्म से मुँह फेर लिया जो उन के हवाले किया गया था, उन के लिए बेहतर होता कि वह इस राह से कभी वाक़िफ़ न होते।
22. उन पर यह मुहावरा सादिक़ आता है कि “कुत्ता अपनी क़ै के पास वापस आ जाता है।” और यह भी कि “सूअरनी नहाने के बाद दुबारा कीचड़ में लोटने लगती है।”

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