2Chronicles (27/36)  

1. यूताम 25 साल की उम्र में बादशाह बना और यरूशलम में रह कर 16 साल तक हुकूमत करता रहा। उस की माँ यरूसा बिन्त सदोक़ थी।
2. यूताम ने वह कुछ किया जो रब्ब को पसन्द था। वह अपने बाप उज़्ज़ियाह के नमूने पर चलता रहा, अगरचि उस ने कभी भी बाप की तरह रब्ब के घर में घुस जाने की कोशिश न की। लेकिन आम लोग अपनी ग़लत राहों से न हटे।
3. यूताम ने रब्ब के घर का बालाई दरवाज़ा तामीर किया। ओफ़ल पहाड़ी जिस पर रब्ब का घर था उस की दीवार को उस ने बहुत जगहों पर मज़्बूत बना दिया।
4. यहूदाह के पहाड़ी इलाक़े में उस ने शहर तामीर किए और जंगली इलाक़ों में क़िलए और बुर्ज बनाए।
5. जब अम्मोनी बादशाह के साथ जंग छिड़ गई तो उस ने अम्मोनियों को शिकस्त दी। तीन साल तक उन्हें उसे सालाना ख़राज के तौर पर तक़्रीबन 3,400 किलोग्राम चाँदी, 16,00,000 किलोग्राम गन्दुम और 13,50,000 किलोग्राम जौ अदा करना पड़ा।
6. यूँ यूताम की ताक़त बढ़ती गई। और वजह यह थी कि वह साबितक़दमी से रब्ब अपने ख़ुदा के हुज़ूर चलता रहा।
7. बाक़ी जो कुछ यूताम की हुकूमत के दौरान हुआ वह ‘शाहान-ए-इस्राईल-ओ-यहूदाह’ की किताब में क़लमबन्द है। उस में उस की तमाम जंगों और बाक़ी कामों का ज़िक्र है।
8. वह 25 साल की उम्र में बादशाह बना और यरूशलम में रह कर 16 साल हुकूमत करता रहा।
9. जब वह मर कर अपने बापदादा से जा मिला तो उसे यरूशलम के उस हिस्से में जो ‘दाऊद का शहर’ कहलाता है दफ़नाया गया। फिर उस का बेटा आख़ज़ तख़्तनशीन हुआ।

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