2Chronicles (22/36)  

1. यरूशलम के बाशिन्दों ने यहूराम के सब से छोटे बेटे अख़ज़ियाह को तख़्त पर बिठा दिया। बाक़ी तमाम बेटों को उन लुटेरों ने क़त्ल किया था जो अरबों के साथ शाही लश्करगाह में घुस आए थे। यही वजह थी कि यहूदाह के बादशाह यहूराम का बेटा अख़ज़ियाह बादशाह बना।
2. वह 22 साल की उम्र में तख़्तनशीन हुआ और यरूशलम में रह कर एक साल बादशाह रहा। उस की माँ अतलियाह इस्राईल के बादशाह उम्री की पोती थी।
3. अख़ज़ियाह भी अख़ियब के ख़ान्दान के ग़लत नमूने पर चल पड़ा, क्यूँकि उस की माँ उसे बेदीन राहों पर चलने पर उभारती रही।
4. बाप की वफ़ात पर वह अख़ियब के घराने के मश्वरे पर चलने लगा। नतीजे में उस का चाल-चलन रब्ब को नापसन्द था। आख़िरकार यही लोग उस की हलाकत का सबब बन गए।
5. इन ही के मश्वरे पर वह इस्राईल के बादशाह यूराम बिन अख़ियब के साथ मिल कर शाम के बादशाह हज़ाएल से लड़ने के लिए निकला। जब रामात-जिलिआद के क़रीब जंग छिड़ गई तो यूराम शाम के फ़ौजियों के हाथों ज़ख़्मी हुआ
6. और मैदान-ए-जंग को छोड़ कर यज़्रएल वापस आया ताकि ज़ख़्म भर जाएँ। जब वह वहाँ ठहरा हुआ था तो यहूदाह का बादशाह अख़ज़ियाह बिन यहूराम उस का हाल पूछने के लिए यज़्रएल आया।
7. लेकिन अल्लाह की मर्ज़ी थी कि यह मुलाक़ात अख़ज़ियाह की हलाकत का बाइस बने। वहाँ पहुँच कर वह यूराम के साथ याहू बिन निम्सी से मिलने के लिए निकला, वही याहू जिसे रब्ब ने मसह करके अख़ियब के ख़ान्दान को नेस्त-ओ-नाबूद करने के लिए मख़्सूस किया था।
8. अख़ियब के ख़ान्दान की अदालत करते करते याहू की मुलाक़ात यहूदाह के कुछ अफ़्सरों और अख़ज़ियाह के बाज़ रिश्तेदारों से हुई जो अख़ज़ियाह की ख़िदमत में उस के साथ आए थे। इन्हें क़त्ल करके
9. याहू अख़ज़ियाह को ढूँडने लगा। पता चला कि वह सामरिया शहर में छुप गया है। उसे याहू के पास लाया गया जिस ने उसे क़त्ल कर दिया। तो भी उसे इज़्ज़त के साथ दफ़न किया गया, क्यूँकि लोगों ने कहा, “आख़िर वह यहूसफ़त का पोता है जो पूरे दिल से रब्ब का तालिब रहा।” उस वक़्त अख़ज़ियाह के ख़ान्दान में कोई न पाया गया जो बादशाह का काम सँभाल सकता।
10. जब अख़ज़ियाह की माँ अतलियाह को मालूम हुआ कि मेरा बेटा मर गया है तो वह यहूदाह के पूरे शाही ख़ान्दान को क़त्ल करने लगी।
11. लेकिन अख़ज़ियाह की सगी बहन यहूसबा ने अख़ज़ियाह के छोटे बेटे यूआस को चुपके से उन शहज़ादों में से निकाल लिया जिन्हें क़त्ल करना था और उसे उस की दाया के साथ एक स्टोर में छुपा दिया जिस में बिस्तर वग़ैरा मह्फ़ूज़ रखे जाते थे। वहाँ वह अतलियाह की गिरिफ़्त से मह्फ़ूज़ रहा। यहूसबा यहोयदा इमाम की बीवी थी।
12. बाद में यूआस को रब्ब के घर में मुन्तक़िल किया गया जहाँ वह उन के साथ उन छः सालों के दौरान छुपा रहा जब अतलियाह मलिका थी।

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