1Timothy (1/6)  

1. यह ख़त पौलुस की तरफ़ से है जो हमारे नजातदिहन्दा अल्लाह और हमारी उम्मीद मसीह ईसा के हुक्म पर मसीह ईसा का रसूल है।
2. मैं तीमुथियुस को लिख रहा हूँ जो ईमान में मेरा सच्चा बेटा है। ख़ुदा बाप और हमारा ख़ुदावन्द मसीह ईसा आप को फ़ज़्ल, रहम और सलामती अता करें।
3. मैं ने आप को मकिदुनिया जाते वक़्त नसीहत की थी कि इफ़िसुस में रहें ताकि आप वहाँ के कुछ लोगों को ग़लत तालीम देने से रोकें।
4. उन्हें फ़र्ज़ी कहानियों और ख़त्म न होने वाले नसबनामे के पीछे न लगने दें। इन से महज़ बह्स-मुबाहसा पैदा होता है और अल्लाह का नजातबख़्श मन्सूबा पूरा नहीं होता। क्यूँकि यह मन्सूबा सिर्फ़ ईमान से तक्मील तक पहुँचता है।
5. मेरी इस हिदायत का मक़्सद यह है कि मुहब्बत उभर आए, ऐसी मुहब्बत जो ख़ालिस दिल, साफ़ ज़मीर और बेरिया ईमान से पैदा होती है।
6. कुछ लोग इन चीज़ों से भटक कर बेमानी बातों में गुम हो गए हैं।
7. यह शरीअत के उस्ताद बनना चाहते हैं, लेकिन उन्हें उन बातों की समझ नहीं आती जो वह कर रहे हैं और जिन पर वह इतने एतिमाद से इस्रार कर रहे हैं।
8. लेकिन हम तो जानते हैं कि शरीअत अच्छी है बशर्तीकि इसे सहीह तौर पर इस्तेमाल किया जाए।
9. और याद रहे कि यह रास्तबाज़ों के लिए नहीं दी गई। क्यूँकि यह उन के लिए है जो बग़ैर शरीअत के और सरकश ज़िन्दगी गुज़ारते हैं, जो बेदीन और गुनाहगार हैं, जो मुक़द्दस और रुहानी बातों से ख़ाली हैं, जो अपने माँ-बाप के क़ातिल हैं, जो ख़ूनी,
10. ज़िनाकार, हमजिन्सपरस्त और ग़ुलामों के ताजिर हैं, जो झूट बोलते, झूटी क़सम खाते और मज़ीद बहुत कुछ करते हैं जो सेहतबख़्श तालीम के ख़िलाफ़ है।
11. और सेहतबख़्श तालीम क्या है? वह जो मुबारक ख़ुदा की उस जलाली ख़ुशख़बरी में पाई जाती है जो मेरे सपुर्द की गई है।
12. मैं अपने ख़ुदावन्द मसीह ईसा का शुक्र करता हूँ जिस ने मेरी तक़वियत की है। मैं उस का शुक्र करता हूँ कि उस ने मुझे वफ़ादार समझ कर ख़िदमत के लिए मुक़र्रर किया।
13. गो मैं पहले कुफ़्र बकने वाला और गुस्ताख़ आदमी था, जो लोगों को ईज़ा देता था, लेकिन अल्लाह ने मुझ पर रहम किया। क्यूँकि उस वक़्त मैं ईमान नहीं लाया था और इस लिए नहीं जानता था कि क्या कर रहा हूँ।
14. हाँ, हमारे ख़ुदावन्द ने मुझ पर अपना फ़ज़्ल कस्रत से उंडेल दिया और मुझे वह ईमान और मुहब्बत अता की जो हमें मसीह ईसा में होते हुए मिलती है।
15. हम इस क़ाबिल-ए-क़बूल बात पर पूरा भरोसा रख सकते हैं कि मसीह ईसा गुनाहगारों को नजात देने के लिए इस दुनिया में आया। उन में से मैं सब से बड़ा गुनाहगार हूँ,
16. लेकिन यही वजह है कि अल्लाह ने मुझ पर रहम किया। क्यूँकि वह चाहता था कि मसीह ईसा मुझ में जो अव्वल गुनाहगार हूँ अपना वसी सब्र ज़ाहिर करे और मैं यूँ उन के लिए नमूना बन जाऊँ जो उस पर ईमान ला कर अबदी ज़िन्दगी पाने वाले हैं।
17. हाँ, हमारे अज़ली-ओ-अबदी शहनशाह की हमेशा तक इज़्ज़त-ओ-जलाल हो! वही लाफ़ानी, अनदेखा और वाहिद ख़ुदा है। आमीन।
18. तीमुथियुस मेरे बेटे, मैं आप को यह हिदायत उन पेशगोइयों के मुताबिक़ देता हूँ जो पहले आप के बारे में की गई थीं। क्यूँकि मैं चाहता हूँ कि आप इन की पैरवी करके अच्छी तरह लड़ सकें
19. और ईमान और साफ़ ज़मीर के साथ ज़िन्दगी गुज़ार सकें। क्यूँकि बाज़ ने यह बातें रद्द कर दी हैं और नतीजे में उन के ईमान का बेड़ा ग़र्क़ हो गया।
20. हुमिनयुस और सिकन्दर भी इन में शामिल हैं। अब मैं ने इन्हें इब्लीस के हवाले कर दिया है ताकि वह कुफ़्र बकने से बाज़ आना सीखें।

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