1Thessalonians (1/5)  

1. यह ख़त पौलुस, सिल्वानुस और तीमुथियुस की तरफ़ से है। हम थिस्सलुनीकियों की जमाअत को लिख है हैं, उन्हें जो ख़ुदा बाप और ख़ुदावन्द ईसा मसीह पर ईमान लाए हैं। अल्लाह आप को फ़ज़्ल और सलामती बख़्शे।
2. हम हर वक़्त आप सब के लिए ख़ुदा का शुक्र करते और अपनी दुआओं में आप को याद करते रहते हैं।
3. हमें अपने ख़ुदा बाप के हुज़ूर ख़ासकर आप का अमल, मेहनत-मशक़्क़त और साबितक़दमी याद आती रहती है। आप अपना ईमान कितनी अच्छी तरह अमल में लाए, आप ने मुहब्बत की रूह में कितनी मेहनत-मशक़्क़त की और आप ने कितनी साबितक़दमी दिखाई, ऐसी साबितक़दमी जो सिर्फ़ हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह पर उम्मीद ही दिला सकती है।
4. भाइयो, अल्लाह आप से मुहब्बत रखता है, और हमें पूरा इल्म है कि उस ने आप को वाक़ई चुन लिया है।
5. क्यूँकि जब हम ने अल्लाह की ख़ुशख़बरी आप तक पहुँचाई तो न सिर्फ़ बातें करके बल्कि क़ुव्वत के साथ, रूह-उल-क़ूदस में और पूरे एतिमाद के साथ। आप जानते हैं कि जब हम आप के पास थे तो हम ने किस तरह की ज़िन्दगी गुज़ारी। जो कुछ हम ने किया वह आप की ख़ातिर किया।
6. उस वक़्त आप हमारे और ख़ुदावन्द के नमूने पर चलने लगे। अगरचि आप बड़ी मुसीबत में पड़ गए तो भी आप ने हमारे पैग़ाम को उस ख़ुशी के साथ क़बूल किया जो सिर्फ़ रूह-उल-क़ुद्स दे सकता है।
7. यूँ आप सूबा मकिदुनिया और सूबा अख़या के तमाम ईमानदारों के लिए नमूना बन गए।
8. ख़ुदावन्द के पैग़ाम की आवाज़ आप में से निकल कर न सिर्फ़ मकिदुनिया और अख़या में सुनाई दी, बल्कि यह ख़बर कि आप अल्लाह पर ईमान रखते हैं हर जगह तक पहुँच गई है। नतीजे में हमें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं रही,
9. क्यूँकि लोग हर जगह बात कर रहे हैं कि आप ने हमें किस तरह ख़ुशआमदीद कहा है, कि आप ने किस तरह बुतों से मुँह फेर कर अल्लाह की तरफ़ रुजू किया ताकि ज़िन्दा और हक़ीक़ी ख़ुदा की ख़िदमत करें।
10. लोग यह भी कह रहे हैं कि अब आप इस इन्तिज़ार में हैं कि अल्लाह का फ़र्ज़न्द आस्मान पर से आए यानी ईसा जिसे अल्लाह ने मुर्दों में से ज़िन्दा कर दिया और जो हमें आने वाले ग़ज़ब से बचाएगा।

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