1Chronicles (9/29)  

1. तमाम इस्राईल शाहान-ए-इस्राईल की किताब के नसबनामों में दर्ज है। फिर यहूदाह के बाशिन्दों को बेवफ़ाई के बाइस बाबल में जिलावतन कर दिया गया।
2. जो लोग पहले वापस आ कर दुबारा शहरों में अपनी मौरूसी ज़मीन पर रहने लगे वह इमाम, लावी, रब्ब के घर के ख़िदमतगार और बाक़ी चन्द एक इस्राईली थे।
3. यहूदाह, बिन्यमीन, इफ़्राईम और मनस्सी के क़बीलों के कुछ लोग यरूशलम में जा बसे।
4. यहूदाह के क़बीले के दर्ज-ए-ज़ैल ख़ान्दानी सरपरस्त वहाँ आबाद हुए : ऊती बिन अम्मीहूद बिन उम्री बिन इम्री बिन बानी। बानी फ़ारस बिन यहूदाह की औलाद में से था।
5. सैला के ख़ान्दान का पहलौठा असायाह और उस के बेटे।
6. ज़ारह के ख़ान्दान का यऊएल। यहूदाह के इन ख़ान्दानों की कुल तादाद 690 थी।
7. बिन्यमीन के क़बीले के दर्ज-ए-ज़ैल ख़ान्दानी सरपरस्त यरूशलम में आबाद हुए : सल्लू बिन मसुल्लाम बिन हूदावियाह बिन सनूआह। इबनियाह बिन यरोहाम। ऐला बिन उज़्ज़ी बिन मिक़्री। मसुल्लाम बिन सफ़तियाह बिन रऊएल बिन इबनियाह।
8. बिन्यमीन के क़बीले के दर्ज-ए-ज़ैल ख़ान्दानी सरपरस्त यरूशलम में आबाद हुए : सल्लू बिन मसुल्लाम बिन हूदावियाह बिन सनूआह। इबनियाह बिन यरोहाम। ऐला बिन उज़्ज़ी बिन मिक़्री। मसुल्लाम बिन सफ़तियाह बिन रऊएल बिन इबनियाह।
9. नसबनामे के मुताबिक़ बिन्यमीन के इन ख़ान्दानों की कुल तादाद 956 थी।
10. जो इमाम जिलावतनी से वापस आ कर यरूशलम में आबाद हुए वह ज़ैल में दर्ज हैं : यदायाह, यहूयरीब, यकीन,
11. अल्लाह के घर का इंचार्ज अज़रियाह बिन ख़िलक़ियाह बिन मसुल्लाम बिन सदोक़ बिन मिरायोत बिन अख़ीतूब,
12. अदायाह बिन यरोहाम बिन फ़श्हूर बिन मल्कियाह और मासी बिन अदीएल बिन यह्ज़ीराह बिन मसुल्लाम बिन मसिल्लिमित बिन इम्मेर।
13. इमामों के इन ख़ान्दानों की कुल तादाद 1,760 थी। उन के मर्द रब्ब के घर में ख़िदमत सरअन्जाम देने के क़ाबिल थे।
14. जो लावी जिलावतनी से वापस आ कर यरूशलम में आबाद हुए वह दर्ज-ए-ज़ैल हैं : मिरारी के ख़ान्दान का समायाह बिन हस्सूब बिन अज़्रीक़ाम बिन हसबियाह,
15. बक़्बक़्क़र, हरस, जलाल, मत्तनियाह बिन मीका बिन ज़िक्री बिन आसफ़,
16. अबदियाह बिन समायाह बिन जलाल बिन यदूतून और बरकियाह बिन आसा बिन इल्क़ाना। बरकियाह नतूफ़ातियों की आबादियों का रहने वाला था।
17. ज़ैल के दरबान भी वापस आए : सल्लूम, अक़्क़ूब, तल्मून, अख़ीमान और उन के भाई। सल्लूम उन का इंचार्ज था।
18. आज तक उस का ख़ान्दान रब्ब के घर के मशरिक़ में शाही दरवाज़े की पहरादारी करता है। यह दरबान लावियों के ख़ैमों के अफ़राद थे।
19. सल्लूम बिन क़ोरे बिन अबियासफ़ बिन क़ोरह अपने भाइयों के साथ क़ोरह के ख़ान्दान का था। जिस तरह उन के बापदादा की ज़िम्मादारी रब्ब की ख़ैमागाह में मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े की पहरादारी करनी थी उसी तरह उन की ज़िम्मादारी मक़्दिस के दरवाज़े की पहरादारी करनी थी।
20. क़दीम ज़माने में फ़ीन्हास बिन इलीअज़र उन पर मुक़र्रर था, और रब्ब उस के साथ था।
21. बाद में ज़करियाह बिन मसलमियाह मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े का दरबान था।
22. कुल 212 मर्दों को दरबान की ज़िम्मादारी दी गई थी। उन के नाम उन की मक़ामी जगहों के नसबनामे में दर्ज थे। दाऊद और समूएल ग़ैबबीन ने उन के बापदादा को यह ज़िम्मादारी दी थी।
23. वह और उन की औलाद पहले रब्ब के घर यानी मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़ों पर पहरादारी करते थे।
24. यह दरबान रब्ब के घर के चारों तरफ़ के दरवाज़ों की पहरादारी करते थे।
25. लावी के अक्सर लोग यरूशलम में नहीं रहते थे बल्कि बारी बारी एक हफ़्ते के लिए दीहात से यरूशलम आते थे ताकि वहाँ अपनी ख़िदमत सरअन्जाम दें।
26. सिर्फ़ दरबानों के चार इंचार्ज मुसल्सल यरूशलम में रहते थे। यह चार लावी अल्लाह के घर के कमरों और ख़ज़ानों को भी सँभालते
27. और रात को भी अल्लाह के घर के इर्दगिर्द गुज़ारते थे, क्यूँकि उन ही को उस की हिफ़ाज़त करना और सुब्ह के वक़्त उस के दरवाज़ों को खोलना था।
28. बाज़ दरबान इबादत का सामान सँभालते थे। जब भी उसे इस्तेमाल के लिए अन्दर और बाद में दुबारा बाहर लाया जाता तो वह हर चीज़ को गिन कर चैक करते थे।
29. बाज़ बाक़ी सामान और मक़्दिस में मौजूद चीज़ों को सँभालते थे। रब्ब के घर में मुस्तामल बारीक मैदा, मै, ज़ैतून का तेल, बख़ूर और बल्सान के मुख़्तलिफ़ तेल भी इन में शामिल थे।
30. लेकिन बल्सान के तेलों को तय्यार करना इमामों की ज़िम्मादारी थी।
31. क़ोरह के ख़ान्दान का लावी मत्तितियाह जो सल्लूम का पहलौठा था क़ुर्बानी के लिए मुस्तामल रोटी बनाने का इन्तिज़ाम चलाता था।
32. क़िहात के ख़ान्दान के बाज़ लावियों के हाथ में वह रोटियाँ बनाने का इन्तिज़ाम था जो हर हफ़्ते के दिन को रब्ब के लिए मख़्सूस करके रब्ब के घर के मुक़द्दस कमरे की मेज़ पर रखी जाती थीं।
33. मूसीक़ार भी लावी थे। उन के सरबराह बाक़ी तमाम ख़िदमत में हिस्सा नहीं लेते थे, क्यूँकि उन्हें हर वक़्त अपनी ही ख़िदमत सरअन्जाम देने के लिए तय्यार रहना पड़ता था। इस लिए वह रब्ब के घर के कमरों में रहते थे।
34. लावियों के यह तमाम ख़ान्दानी सरपरस्त नसबनामे में दर्ज थे और यरूशलम में रहते थे।
35. जिबऊन का बाप यईएल जिबऊन में रहता था। उस की बीवी का नाम माका था।
36. बड़े से ले कर छोटे तक उन के बेटे अब्दोन, सूर, क़ीस, बाल, नैर, नदब,
37. जदूर, अखियो, ज़करियाह और मिक़्लोत थे।
38. मिक़्लोत का बेटा सिमाह था। वह भी अपने भाइयों के मुक़ाबिल यरूशलम में रहते थे।
39. नैर क़ीस का बाप था और क़ीस साऊल का। साऊल के चार बेटे यूनतन, मल्कीशूअ, अबीनदाब और इश्बाल थे।
40. यूनतन मरीब्बाल का बाप था और मरीब्बाल मीकाह का।
41. मीकाह के चार बेटे फ़ीतून, मलिक, तहरेअ और आख़ज़ थे।
42. आख़ज़ का बेटा यारा था। यारा के तीन बेटे अलमत, अज़्मावत और ज़िम्री थे। ज़िम्री के हाँ मौज़ा पैदा हुआ,
43. मौज़ा के बिनआ, बना के रिफ़ायाह, रिफ़ायाह के इलिआसा और इलिआसा के असील।
44. असील के छः बेटे अज़्रीक़ाम, बोकिरू, इस्माईल, सअरियाह, अबदियाह और हनान थे।

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