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1. | फ़ारस, हस्रोन, कर्मी, हूर और सोबल यहूदाह की औलाद थे। |
2. | रियायाह बिन सोबल के हाँ यहत, यहत के अख़ूमी और अख़ूमी के लाहद पैदा हुआ। यह सुरआती ख़ान्दानों के बापदादा थे। |
3. | ऐताम के तीन बेटे यज़्रएल, इस्मा और इदबास थे। उन की बहन का नाम हज़्लिल्फ़ोनी था। |
4. | इफ़्राता का पहलौठा हूर बैत-लहम का बाप था। उस के दो बेटे जदूर का बाप फ़नूएल और हूसा का बाप अज़र थे। |
5. | तक़ूअ के बाप अश्हूर की दो बीवियाँ हीलाह और नारा थीं। |
6. | नारा के बेटे अख़ूज़्ज़ाम, हिफ़र, तेमनी और हख़सतरी थे। |
7. | हीलाह के बेटे ज़रत, सुहर और इतनान थे। |
8. | कूज़ के बेटे अनूब और हज़्ज़ोबीबा थे। उस से अख़रख़ैल बिन हरूम के ख़ान्दान भी निकले। |
9. | याबीज़ की अपने भाइयों की निस्बत ज़ियादा इज़्ज़त थी। उस की माँ ने उस का नाम याबीज़ यानी ‘वह तक्लीफ़ देता है’ रखा, क्यूँकि उस ने कहा, “पैदा होते वक़्त मुझे बड़ी तक्लीफ़ हुई।” |
10. | याबीज़ ने बुलन्द आवाज़ से इस्राईल के ख़ुदा से इलतिमास की, “काश तू मुझे बर्कत दे कर मेरा इलाक़ा वसी कर दे। तेरा हाथ मेरे साथ हो, और मुझे नुक़्सान से बचा ताकि मुझे तक्लीफ़ न पहुँचे।” और अल्लाह ने उस की सुनी। |
11. | सूख़ा के भाई कलूब महीर का और महीर इस्तून का बाप था। |
12. | इस्तून के बेटे बैत-रफ़ा, फ़ासह और तख़िन्ना थे। तख़िन्ना नाहस शहर का बाप था जिस की औलाद रैका में आबाद है। |
13. | क़नज़ के बेटे ग़ुतनीएल और सिरायाह थे। ग़ुतनीएल के बेटों के नाम हतत और मऊनाती थे। |
14. | मऊनाती उफ़्रा का बाप था। सिरायाह योआब का बाप था जो ‘वादी-ए-कारीगर’ का बानी था। आबादी का यह नाम इस लिए पड़ गया कि उस के बाशिन्दे कारीगर थे। |
15. | कालिब बिन यफ़ुन्ना के बेटे ईरू, ऐला और नाम थे। ऐला का बेटा क़नज़ था। |
16. | यहल्लल-एल के चार बेटे ज़ीफ़, ज़ीफ़ा, तीरियाह और असर-एल थे। |
17. | अज़्रा के चार बेटे यतर, मरद, इफ़र और यलून थे। मरद की शादी मिस्री बादशाह फ़िरऔन की बेटी बितियाह से हुई। उस के तीन बच्चे मरियम, सम्मी और इस्बाह पैदा हुए। इस्बाह इस्तिमूअ का बाप था। मरद की दूसरी बीवी यहूदाह की थी, और उस के तीन बेटे जदूर का बाप यरद, सोका का बाप हिबर और ज़नूह का बाप यक़ूतीएल थे। |
18. | अज़्रा के चार बेटे यतर, मरद, इफ़र और यलून थे। मरद की शादी मिस्री बादशाह फ़िरऔन की बेटी बितियाह से हुई। उस के तीन बच्चे मरियम, सम्मी और इस्बाह पैदा हुए। इस्बाह इस्तिमूअ का बाप था। मरद की दूसरी बीवी यहूदाह की थी, और उस के तीन बेटे जदूर का बाप यरद, सोका का बाप हिबर और ज़नूह का बाप यक़ूतीएल थे। |
19. | हूदियाह की बीवी नहम की बहन थी। उस का एक बेटा क़ईला जर्मी का बाप और दूसरा इस्तिमूअ माकाती था। |
20. | सीमून के बेटे अम्नोन, रिन्ना, बिन-हनान और तीलोन थे। यिसई के बेटे ज़ोहित और बिन-ज़ोहित थे। |
21. | सेला बिन यहूदाह की दर्ज-ए-ज़ैल औलाद थी : लेका का बाप एर, मरेसा का बाप लादा, बैत-अश्बीअ में आबाद बारीक कतान का काम करने वालों के ख़ान्दान, |
22. | योक़ीम, कोज़ीबा के बाशिन्दे, और यूआस और साराफ़ जो क़दीम रिवायत के मुताबिक़ मोआब पर हुक्मरानी करते थे लेकिन बाद में बैत-लहम वापस आए। |
23. | वह नताईम और जदीरा में रह कर कुम्हार और बादशाह के मुलाज़िम थे। |
24. | शमाऊन के बेटे यमूएल, यमीन, यरीब, ज़ारह और साऊल थे। |
25. | साऊल के हाँ सल्लूम पैदा हुआ, सल्लूम के मिब्साम, मिब्साम के मिश्मा, |
26. | मिश्मा के हम्मूएल, हम्मूएल के ज़क्कूर और ज़क्कूर के सिमई। |
27. | सिमई के 16 बेटे और छः बेटियाँ थीं, लेकिन उस के भाइयों के कम बच्चे पैदा हुए। नतीजे में शमाऊन का क़बीला यहूदाह के क़बीले की निस्बत छोटा रहा। |
28. | ज़ैल के शहर उन के गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत शमाऊन का क़बाइली इलाक़ा था : बैर-सबा, मोलादा, हसार-सूआल, |
29. | बिल्हाह, अज़म, तोलद, |
30. | बतूएल, हुर्मा, सिक़्लाज, |
31. | बैत-मर्कबोत, हसार-सूसीम, बैत-बिरी और शारैम। दाऊद की हुकूमत तक यह क़बीला इन जगहों में आबाद था, |
32. | नीज़ ऐताम, ऐन, रिम्मोन, तोकन और असन में भी। |
33. | इन पाँच आबादियों के गिर्द-ओ-नवाह के दीहात भी बाल तक शामिल थे। हर मक़ाम के अपने अपने तहरीरी नसबनामे थे। |
34. | शमाऊन के ख़ान्दानों के दर्ज-ए-ज़ैल सरपरस्त थे : मिसोबाब, यम्लीक, यूशा बिन अमसियाह, |
35. | योएल, याहू बिन यूसिबियाह बिन सिरायाह बिन असीएल, |
36. | इलियूऐनी, याक़ूबा, यशूख़ाया, असायाह, अदीएल, यसीमीएल, बिनायाह, |
37. | ज़ीज़ा बिन शिफ़ई बिन अल्लोन बिन यदायाह बिन सिम्री बिन समायाह। |
38. | दर्ज-ए-बाला आदमी अपने ख़ान्दानों के सरपरस्त थे। उन के ख़ान्दान बहुत बढ़ गए, |
39. | इस लिए वह अपने रेवड़ों को चराने की जगहें ढूँडते ढूँडते वादी के मशरिक़ में जदूर तक फैल गए। |
40. | वहाँ उन्हें अच्छी और शादाब चरागाहें मिल गईं। इलाक़ा खुला, पुरसुकून और आरामदिह भी था। पहले हाम की कुछ औलाद वहाँ आबाद थी, |
41. | लेकिन हिज़क़ियाह बादशाह के अय्याम में शमाऊन के मज़्कूरा सरपरस्तों ने वहाँ के रहने वाले हामियों और मऊनियों पर हम्ला किया और उन के तम्बूओं को तबाह करके सब को मार दिया। एक भी न बचा। फिर वह ख़ुद वहाँ आबाद हुए। अब उन के रेवड़ों के लिए काफ़ी चरागाहें थीं। आज तक वह इसी इलाक़े में रहते हैं। |
42. | एक दिन शमाऊन के 500 आदमी यिसई के चार बेटों फ़लतियाह, नअरियाह, रिफ़ायाह और उज़्ज़ीएल की राहनुमाई में सईर के पहाड़ी इलाक़े में घुस आए। |
43. | वहाँ उन्हों ने उन अमालीक़ियों को हलाक कर दिया जिन्हों ने बच कर वहाँ पनाह ली थी। फिर वह ख़ुद वहाँ रहने लगे। आज तक वह वहीं आबाद हैं। |
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