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1. | दर्ज-ए-ज़ैल उन ख़ान्दानी सरपरस्तों, हज़ार हज़ार और सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़्सरों और सरकारी अफ़्सरों की फ़हरिस्त है जो बादशाह के मुलाज़िम थे। फ़ौज 12 गुरोहों पर मुश्तमिल थी, और हर गुरोह के 24,000 अफ़राद थे। हर गुरोह की ड्यूटी साल में एक माह के लिए लगती थी। |
2. | जो अफ़्सर इन गुरोहों पर मुक़र्रर थे वह यह थे : पहला माह : यसूबिआम बिन ज़ब्दीएल। |
3. | वह फ़ारस के ख़ान्दान का था और उस गुरोह पर मुक़र्रर था जिस की ड्यूटी पहले महीने के लिए लगती थी। |
4. | दूसरा माह : दोदी अख़ूही। उस के गुरोह के आला अफ़्सर का नाम मिक़्लोत था। |
5. | तीसरा माह : यहोयदा इमाम का बेटा बिनायाह। |
6. | यह दाऊद के बेहतरीन दस्ते बनाम ‘तीस’ पर मुक़र्रर था और ख़ुद ज़बरदस्त फ़ौजी था। उस के गुरोह का आला अफ़्सर उस का बेटा अम्मीज़बद था। |
7. | चौथा माह : योआब का भाई असाहेल। उस की मौत के बाद असाहेल का बेटा ज़बदियाह उस की जगह मुक़र्रर हुआ। |
8. | पाँचवाँ माह : सम्हूत इज़्राख़ी। |
9. | छटा माह : ईरा बिन अक़्क़ीस तक़ूई। |
10. | सातवाँ माह : ख़लिस फ़लूनी इफ़्राईमी। |
11. | आठवाँ माह : ज़ारह के ख़ान्दान का सिब्बकी हूसाती। |
12. | नवाँ माह : बिन्यमीन के क़बीले का अबीअज़र अनतोती। |
13. | दसवाँ माह : ज़ारह के ख़ान्दान का महरी नतूफ़ाती। |
14. | ग्यारहवाँ माह : इफ़्राईम के क़बीले का बिनायाह फ़िरआतोनी। |
15. | बारहवाँ माह : ग़ुतनीएल के ख़ान्दान का ख़ल्दी नतूफ़ाती। |
16. | ज़ैल के आदमी इस्राईली क़बीलों के सरपरस्त थे : रूबिन का क़बीला : इलीअज़र बिन ज़िक्री। शमाऊन का क़बीला : सफ़तियाह बिन माका। |
17. | लावी का क़बीला : हसबियाह बिन क़मूएल। हारून के ख़ान्दान का सरपरस्त सदोक़ था। |
18. | यहूदाह का क़बीला : दाऊद का भाई इलीहू। इश्कार का क़बीला : उम्री बिन मीकाएल। |
19. | ज़बूलून का क़बीला : इस्मायाह बिन अबदियाह। नफ़्ताली का क़बीला : यरीमोत बिन अज़्रीएल। |
20. | इफ़्राईम का क़बीला : होसेअ बिन अज़ज़ियाह। मग़रिबी मनस्सी का क़बीला : योएल बिन फ़िदायाह। |
21. | मशरिक़ी मनस्सी का क़बीला जो जिलिआद में था : यिद्दू बिन ज़करियाह। बिन्यमीन का क़बीला : यासीएल बिन अबिनैर। |
22. | दान का क़बीला : अज़रेल बिन यरोहाम। यह बारह लोग इस्राईली क़बीलों के सरबराह थे। |
23. | जितने इस्राईली मर्दों की उम्र 20 साल या इस से कम थी उन्हें दाऊद ने शुमार नहीं किया, क्यूँकि रब्ब ने उस से वादा किया था कि मैं इस्राईलियों को आस्मान पर के सितारों जैसा बेशुमार बना दूँगा। |
24. | नीज़, योआब बिन ज़रूयाह ने मर्दुमशुमारी को शुरू तो किया लेकिन उसे इख़तिताम तक नहीं पहुँचाया था, क्यूँकि अल्लाह का ग़ज़ब मर्दुमशुमारी के बाइस इस्राईल पर नाज़िल हुआ था। नतीजे में दाऊद बादशाह की तारीख़ी किताब में इस्राईलियों की कुल तादाद कभी नहीं दर्ज हुई। |
25. | अज़्मावत बिन अदीएल यरूशलम के शाही गोदामों का इंचार्ज था। जो गोदाम देही इलाक़े, बाक़ी शहरों, गाँओ और क़िलओं में थे उन को यूनतन बिन उज़्ज़ियाह सँभालता था। |
26. | अज़री बिन कलूब शाही ज़मीनों की काश्तकारी करने वालों पर मुक़र्रर था। |
27. | सिमई रामाती अंगूर के बाग़ों की निगरानी करता जबकि ज़ब्दी शिफ़्मी इन बाग़ों की मै के गोदामों का इंचार्ज था। |
28. | बाल-हनान जदीरी ज़ैतून और अन्जीर-तूत के उन बाग़ों पर मुक़र्रर था जो मग़रिब के निशेबी पहाड़ी इलाक़े में थे। यूआस ज़ैतून के तेल के गोदामों की निगरानी करता था। |
29. | शारून के मैदान में चरने वाले गाय-बैल सित्री शारूनी के ज़ेर-ए-निगरानी थे जबकि साफ़त बिन अद्ली वादियों में चरने वाले गाय-बैलों को सँभालता था। |
30. | ओबिल इस्माईली ऊँटों पर मुक़र्रर था, यहदियाह मरूनोती गधियों पर |
31. | और याज़ीज़ हाजिरी भेड़-बक्रियों पर। यह सब शाही मिल्कियत के निगरान थे। |
32. | दाऊद का समझदार और आलिम चचा यूनतन बादशाह का मुशीर था। यहीएल बिन हक्मूनी बादशाह के बेटों की तर्बियत के लिए ज़िम्मादार था। |
33. | अख़ीतुफ़ल दाऊद का मुशीर जबकि हूसी अर्की दाऊद का दोस्त था। |
34. | अख़ीतुफ़ल के बाद यहोयदा बिन बिनायाह और अबियातर बादशाह के मुशीर बन गए। योआब शाही फ़ौज का कमाँडर था। |
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