1Chronicles (24/29)  

1. हारून की औलाद को भी मुख़्तलिफ़ गुरोहों में तक़्सीम किया गया। हारून के चार बेटे नदब, अबीहू, इलीअज़र और इतमर थे।
2. नदब और अबीहू अपने बाप से पहले मर गए, और उन के बेटे नहीं थे। इलीअज़र और इतमर इमाम बन गए।
3. दाऊद ने इमामों को ख़िदमत के मुख़्तलिफ़ गुरोहों में तक़्सीम किया। सदोक़ और अख़ीमलिक ने इस में दाऊद की मदद की (सदोक़ इलीअज़र की औलाद में से और अख़ीमलिक इतमर की औलाद में से था)।
4. इलीअज़र की औलाद को 16 गुरोहों में और इतमर की औलाद को 8 गुरोहों में तक़्सीम किया गया, क्यूँकि इलीअज़र की औलाद के इतने ही ज़ियादा ख़ान्दानी सरपरस्त थे।
5. तमाम ज़िम्मादारियाँ क़ुरआ डाल कर इन मुख़्तलिफ़ गुरोहों में तक़्सीम की गईं, क्यूँकि इलीअज़र और इतमर दोनों ख़ान्दानों के बहुत सारे ऐसे अफ़्सर थे जो पहले से मक़्दिस में रब्ब की ख़िदमत करते थे।
6. यह ज़िम्मादारियाँ तक़्सीम करने के लिए इलीअज़र और इतमर की औलाद बारी बारी क़ुरआ डालते रहे। क़ुरआ डालते वक़्त बादशाह, इस्राईल के बुज़ुर्ग, सदोक़ इमाम, अख़ीमलिक बिन अबियातर और इमामों और लावियों के ख़ान्दानी सरपरस्त हाज़िर थे। मीरमुन्शी समायाह बिन नतनीएल ने जो ख़ुद लावी था ख़िदमत के इन गुरोहों की फ़हरिस्त ज़ैल की तर्तीब से लिख ली जिस तरह वह क़ुरआ डालने से मुक़र्रर किए गए,
7. 1. यहूयरीब, 2. यदायाह,
8. 3. हारिम, 4. सऊरीम,
9. 5. मल्कियाह, 6. मियामीन,
10. 7. हक़्क़ूज़, 8. अबियाह,
11. 9. यशूअ, 10. सकनियाह,
12. 11. इलियासिब, 12. यक़ीम,
13. 13. ख़ुफ़्फ़ाह, 14. यस्बिआब,
14. 15. बिल्जा, 16. इम्मेर,
15. 17. ख़ज़ीर, 18. फ़िज़्ज़ीज़,
16. 19. फ़तहियाह, 20. यहिज़्क़ेल,
17. 21. यकीन, 22. जमूल,
18. 23. दिलायाह, 24. माज़ियाह।
19. इमामों को इसी तर्तीब के मुताबिक़ रब्ब के घर में आ कर अपनी ख़िदमत सरअन्जाम देनी थी, उन हिदायात के मुताबिक़ जो रब्ब इस्राईल के ख़ुदा ने उन्हें उन के बाप हारून की मारिफ़त दी थीं।
20. ज़ैल के लावियों के मज़ीद ख़ान्दानी सरपरस्त हैं : अम्राम की औलाद में से सूबाएल, सूबाएल की औलाद में से यहदियाह
21. रहबियाह की औलाद में से यिस्सियाह सरपरस्त था,
22. इज़्हार की औलाद में से सलूमीत, सलूमीत की औलाद में से यहत,
23. हब्रून की औलाद में से बड़े से ले कर छोटे तक यरियाह, अमरियाह, यहज़ीएल और यक़मिआम,
24. उज़्ज़ीएल की औलाद में से मीकाह, मीकाह की औलाद में से समीर,
25. मीकाह का भाई यिस्सियाह, यिस्सियाह की औलाद में से ज़करियाह,
26. मिरारी की औलाद में से महली और मूशी, उस के बेटे याज़ियाह की औलाद,
27. मिरारी के बेटे याज़ियाह की औलाद में से सूहम, ज़क्कूर और इब्री,
28. महली की औलाद में से इलीअज़र और क़ीस। इलीअज़र बेऔलाद था जबकि क़ीस के हाँ यरहमिएल पैदा हुआ।
29. महली की औलाद में से इलीअज़र और क़ीस। इलीअज़र बेऔलाद था जबकि क़ीस के हाँ यरहमिएल पैदा हुआ।
30. मूशी की औलाद में से महली, इदर और यरीमोत भी लावियों के इन मज़ीद ख़ान्दानी सरपरस्तों में शामिल थे।
31. इमामों की तरह उन की ज़िम्मादारियाँ भी क़ुरआ-अन्दाज़ी से मुक़र्रर की गईं। इस सिलसिले में सब से छोटे भाई के ख़ान्दान के साथ और सब से बड़े भाई के ख़ान्दान के साथ सुलूक बराबर था। इस कार-रवाई के लिए भी दाऊद बादशाह, सदोक़, अख़ीमलिक और इमामों और लावियों के ख़ान्दानी सरपरस्त हाज़िर थे।

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