1Chronicles (22/29)  

1. इस लिए दाऊद ने फ़ैसला किया, “रब्ब हमारे ख़ुदा का घर गाहने की इस जगह पर होगा, और यहाँ वह क़ुर्बानगाह भी होगी जिस पर इस्राईल के लिए भस्म होने वाली क़ुर्बानी जलाई जाती है।”
2. चुनाँचे उस ने इस्राईल में रहने वाले परदेसियों को बुला कर उन्हें अल्लाह के घर के लिए दरकार तराशे हुए पत्थर तय्यार करने की ज़िम्मादारी दी।
3. इस के इलावा दाऊद ने दरवाज़ों के किवाड़ों की कीलों और कड़ों के लिए लोहे के बड़े ढेर लगाए। साथ साथ इतना पीतल इकट्ठा किया गया कि आख़िरकार उसे तोला न जा सका।
4. इसी तरह देओदार की बहुत ज़ियादा लकड़ी यरूशलम लाई गई। सैदा और सूर के बाशिन्दों ने उसे दाऊद तक पहुँचाया।
5. यह सामान जमा करने के पीछे दाऊद की यह सोच थी, “मेरा बेटा सुलेमान जवान है, और उस का अभी इतना तजरिबा नहीं है, हालाँकि जो घर रब्ब के लिए बनवाना है उसे इतना बड़ा और शानदार होने की ज़रूरत है कि तमाम दुनिया हक्का-बक्का रह कर उस की तारीफ़ करे। इस लिए मैं ख़ुद जहाँ तक हो सके उसे बनवाने की तय्यारियाँ करूँगा।” यही वजह थी कि दाऊद ने अपनी मौत से पहले इतना सामान जमा कराया।
6. फिर दाऊद ने अपने बेटे सुलेमान को बुला कर उसे रब्ब इस्राईल के ख़ुदा के लिए सुकूनतगाह बनवाने की ज़िम्मादारी दे कर
7. कहा, “मेरे बेटे, मैं ख़ुद रब्ब अपने ख़ुदा के नाम के लिए घर बनाना चाहता था।
8. लेकिन मुझे इजाज़त नहीं मिली, क्यूँकि रब्ब मुझ से हमकलाम हुआ, ‘तू ने शदीद क़िस्म की जंगें लड़ कर बेशुमार लोगों को मार दिया है। नहीं, तू मेरे नाम के लिए घर तामीर नहीं करेगा, क्यूँकि मेरे देखते देखते तू बहुत ख़ूँरेज़ी का सबब बना है।
9. लेकिन तेरे एक बेटा पैदा होगा जो अम्नपसन्द होगा। उसे मैं अम्न-ओ-अमान मुहय्या करूँगा, उसे चारों तरफ़ के दुश्मनों से लड़ना नहीं पड़ेगा। उस का नाम सुलेमान होगा, और उस की हुकूमत के दौरान मैं इस्राईल को अम्न-ओ-अमान अता करूँगा।
10. वही मेरे नाम के लिए घर बनाएगा। वह मेरा बेटा होगा और मैं उस का बाप हूँगा। और मैं इस्राईल पर उस की बादशाही का तख़्त हमेशा तक क़ाइम रखूँगा’।”
11. दाऊद ने बात जारी रख कर कहा, “मेरे बेटे, रब्ब आप के साथ हो ताकि आप को काम्याबी हासिल हो और आप रब्ब अपने ख़ुदा का घर उस के वादे के मुताबिक़ तामीर कर सकें।
12. आप को इस्राईल पर मुक़र्रर करते वक़्त रब्ब आप को हिक्मत और समझ अता करे ताकि आप रब्ब अपने ख़ुदा की शरीअत पर अमल कर सकें।
13. अगर आप एहतियात से उन हिदायात और अह्काम पर अमल करें जो रब्ब ने मूसा की मारिफ़त इस्राईल को दे दिए तो आप को ज़रूर काम्याबी हासिल होगी। मज़्बूत और दिलेर हों। डरें मत और हिम्मत न हारें।
14. देखें, मैं ने बड़ी जिद्द-ओ-जह्द के साथ रब्ब के घर के लिए सोने के 34,00,000 किलोग्राम और चाँदी के 3,40,00,000 किलोग्राम तय्यार कर रखे हैं। इस के इलावा मैं ने इतना पीतल और लोहा इकट्ठा किया कि उसे तोला नहीं जा सकता, नीज़ लकड़ी और पत्थर का ढेर लगाया, अगरचि आप और भी जमा करेंगे।
15. आप की मदद करने वाले कारीगर बहुत हैं। उन में पत्थर को तराशने वाले, राज, बढ़ई और ऐसे कारीगर शामिल हैं जो महारत से हर क़िस्म की चीज़ बना सकते हैं,
16. ख़्वाह वह सोने, चाँदी, पीतल या लोहे की क्यूँ न हो। बेशुमार ऐसे लोग तय्यार खड़े हैं। अब काम शुरू करें, और रब्ब आप के साथ हो!”
17. फिर दाऊद ने इस्राईल के तमाम राहनुमाओं को अपने बेटे सुलेमान की मदद करने का हुक्म दिया।
18. उस ने उन से कहा, “रब्ब आप का ख़ुदा आप के साथ है। उस ने आप को पड़ोसी क़ौमों से मह्फ़ूज़ रख कर अम्न-ओ-अमान अता किया है। मुल्क के बाशिन्दों को उस ने मेरे हवाले कर दिया, और अब यह मुल्क रब्ब और उस की क़ौम के ताबे हो गया है।
19. अब दिल-ओ-जान से रब्ब अपने ख़ुदा के तालिब रहें। रब्ब अपने ख़ुदा के मक़्दिस की तामीर शुरू करें ताकि आप जल्दी से अह्द का सन्दूक़ और मुक़द्दस ख़ैमे के सामान को उस घर में ला सकें जो रब्ब के नाम की ताज़ीम में तामीर होगा।”

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