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1. | परमेश्वर यहूदा में जाना गया है, उसका नाम इस्राएल में महान हुआ है। |
2. | और उसका मण्डप शालेम में, और उसका धाम सिय्योन में है। |
3. | वहां उसने चमचमाते तीरों को, और ढाल और तलवार को तोड़कर, निदान लड़ाई ही को तोड़ डाला है।। |
4. | हे परमेश्वर तू तो ज्योतिमय है; तू अहेर से भरे हुए पहाड़ों से अधिक उत्तम और महान है। |
5. | दृढ़ मन वाले लुट गए, और भरी नींद में पड़े हैं; |
6. | और शूरवीरों में से किसी का हाथ न चला। हे याकूब के परमेश्वर, तेरी घुड़की से, रथों समेत घोड़े भारी नींद में पड़े हैं। |
7. | केवल तू ही भय योग्य है; और जब तू क्रोध करने लगे, तब तेरे साम्हने कौन खड़ा रह सकेगा? |
8. | तू ने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है; पृथ्वी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही, |
9. | जब परमेश्वर न्याय करने को, और पृथ्वी के सब नम्र लोगों का उद्धार करने को उठा।। |
10. | निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा। |
11. | अपने परमेश्वर यहोवा की मन्नत मानो, और पूरी भी करो; वह जो भय के योग्य है, उसके आस पास के सब उसके लिये भेंट ले आएं। |
12. | वह तो प्रधानों का अभिमान मिटा देगा; वह पृथ्वी के राजाओं को भय योग्य जान पड़ता है।। |
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