← Psalms (60/150) → |
1. | हे परमेश्वर तू ने हम को त्याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हम को ज्यों का त्यों कर दे। |
2. | तू ने भूमि को कंपाया और फाड़ डाला है; उसकी दरारों को भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है। |
3. | तू ने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लड़खड़ा देने वाला दाखमधु पिलाया है।। |
4. | तू ने अपने डरवैयों को झण्डा दिया है, कि वह सच्चाई के कारण फहराया जाए। |
5. | तू अपने दाहिने हाथ से बचा, और हमारी सुन ले कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएं।। |
6. | परमेश्वर पवित्रता के साथ बोला है मैं प्रफुल्लित हूंगा; मैं शकेम को बांट लूंगा, और सुक्कोत की तराई को नपवाऊंगा। |
7. | गिलाद मेरा है; मनश्शे भी मेरा है; और एप्रैम मेरे सिर का टोप, यहूदा मेरा राजदण्ड है। |
8. | मोआब मेरे धोने का पात्रा है; मैं एदोम पर अपना जूता फेंकूंगा; हे पलिश्तीन मेरे ही कारण जयजयकार कर।। |
9. | मुझे गढ़ वाले नगर में कौन पहुंचाएगा? एदोम तक मेरी अगुवाई किस ने की है? |
10. | हे परमेश्वर, क्या तू ने हम को त्याग नहीं दिया? हे परमेश्वर, तू हमारी सेना के साथ नहीं जाता। |
11. | द्रोही के विरुद्ध हमारी सहायता कर, क्योंकि मनुष्य का किया हुआ छुटकारा व्यर्थ होता है। |
12. | परमेश्वर की सहायता से हम वीरता दिखाएंगे, क्योंकि हमारे द्रोहियों को वही रौंदेगा।। |
← Psalms (60/150) → |