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1. | हे यहोवा मेरे सताने वाले कितने बढ़ गए हैं! वह जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं। |
2. | बहुत से मेरे प्राण के विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता। |
3. | परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढ़ाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करने वाला है। |
4. | मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूं, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है। |
5. | मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे सम्हालता है। |
6. | मैं उन दस हजार मनुष्यों से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पांति बान्धे खड़े हैं।। |
7. | उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्वर मुझे बचा ले! क्योंकि तू ने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है और तू ने दुष्टों के दांत तोड़ डाले हैं।। |
8. | उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो।। |
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