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1. | हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो। |
2. | यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो। |
3. | यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है; प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। |
4. | यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है। |
5. | यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है। |
6. | वह उन्हें बछड़े की नाईं और लबानोन और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है।। |
7. | यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है। |
8. | यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है।। |
9. | यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है; और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है।। |
10. | जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा हो कर विराजमान रहता है। |
11. | यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा।। |
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