| ← Psalms (20/150) → |
| 1. | संकट के दिन यहोवा तेरी सुन ले! याकूब के परमेश्वर का नाम तुझे ऊंचे स्थान पर नियुक्त करे! |
| 2. | वह पवित्र स्थान से तेरी सहायता करे, और सिय्योन से तुझे सम्भाल ले! |
| 3. | वह तेरे सब अन्नबलियों को स्मरण करे, और तेरे होमबलि को ग्रहण करे। |
| 4. | वह तेरे मन की इच्छा को पूरी करे, और तेरी सारी युक्ति को सफल करे! |
| 5. | तब हम तेरे उद्धार के कारण ऊंचे स्वर से हर्षित हो कर गाएंगे, और अपने परमेश्वर के नाम से झण्डे खड़े करेंगे। यहोवा तुझे मुंह मांगा वरदान दे् |
| 6. | अब मैं जान गया कि यहोवा अपने अभिषिक्त का उद्धार करता है; वह अपने दाहिने हाथ के उद्धार करने वाले पराक्रम से अपने पवित्र स्वर्ग पर से सुनकर उसे उत्तर देगा। |
| 7. | किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे। |
| 8. | वे तो झुक गए और गिर पड़े परन्तु हम उठे और सीधे खड़े हैं।। |
| 9. | हे यहोवा, बचा ले; जिस दिन हम पुकारें तो महाराजा हमें उत्तर दे।। |
| ← Psalms (20/150) → |