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| 1. | हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो। |
| 2. | अपने हाथ पवित्र स्थान में उठा कर, यहोवा को धन्य कहो। |
| 3. | यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन में से तुझे आशीष देवे।। |
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