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| 1. | जब यहोवा सिय्योन से लौटने वालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखने वाले से हो गए। |
| 2. | तब हम आनन्द से हंसने और जयजयकार करने लगे; तब जाति जाति के बीच में कहा जाता था, कि यहोवा ने, इनके साथ बड़े बड़े काम किए हैं। |
| 3. | यहोवा ने हमारे साथ बड़े बड़े काम किए हैं; और इस से हम आनन्दित हैं।। |
| 4. | हे यहोवा, दक्खिन देश के नालों की नाईं, हमारे बन्धुओं को लौटा ले आ! |
| 5. | जो आंसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएंगे। |
| 6. | चाहे बोने वाला बीज ले कर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियां लिये जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा।। |
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