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1. | याह की स्तुति करो हे यहोवा के दासों स्तुति करो, यहोवा के नाम की स्तुति करो! |
2. | यहोवा का नाम अब से ले कर सर्वदा तक धन्य कहा जाय! |
3. | उदयाचल से ले कर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। |
4. | यहोवा सारी जातियों के ऊपर महान है, और उसकी महिमा आकाश से भी ऊंची है।। |
5. | हमारे परमेश्वर यहोवा के तुल्य कौन है? वह तो ऊंचे पर विराजमान है, |
6. | और आकाश और पृथ्वी पर भी, दृष्टि करने के लिये झुकता है। |
7. | वह कंगाल को मिट्टी पर से, और दरिद्र को घूरे पर से उठा कर ऊंचा करता है, |
8. | कि उसको प्रधानों के संग, अर्थात अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाए। |
9. | वह बांझ को घर में लड़कों की आनन्द करने वाली माता बनाता है। याह की स्तुति करो! |
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