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1. | सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। |
2. | और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। |
3. | उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्त्र पाले की नाईं उज्ज़्वल था। |
4. | उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। |
5. | स्वर्गदूत ने स्त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। |
6. | वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। |
7. | और शीघ्र जा कर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। |
8. | और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गई। |
9. | और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उसको दण्डवत किया। |
10. | तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जा कर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे।। |
11. | वे जा ही रही थीं, कि देखो, पहरूओं में से कितनों ने नगर में आकर पूरा हाल महायाजकों से कह सुनाया। |
12. | तब उन्हों ने पुरनियों के साथ इकट्ठे हो कर सम्मति की, और सिपाहियों को बहुत चान्दी देकर कहा। |
13. | कि यह कहना, कि रात को जब हम सो रहे थे, तो उसके चेले आकर उसे चुरा ले गए। |
14. | और यदि यह बात हाकिम के कान तक पहुंचेगी, तो हम उसे समझा लेंगे और तुम्हें जोखिम से बचा लेंगे। |
15. | सो उन्होंने रूपए ले कर जैसा सिखाए गए थे, वैसा ही किया; और यह बात आज तक यहूदियों में प्रचलित है।। |
16. | और ग्यारह चेले गलील में उस पहाड़ पर गए, जिसे यीशु ने उन्हें बताया था। |
17. | और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ। |
18. | यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। |
19. | इसलिये तुम जा कर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। |
20. | और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।। |
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