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1. | यह वचन यहोवा की ओर से यिर्मयाह के पास उस समय पहुंचा जब सिदकिय्याह राजा ने उसके पास मल्किय्याह के पुत्र पशहूर और मासेयाह याजक के पुत्र सपन्याह के हाथ से यह कहला भेजा कि, |
2. | हमारे लिये यहोवा से पूछ, क्योंकि बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर हमारे विरुद्ध युद्ध कर रहा है; कदाचित यहोवा हम से अपने सब आश्चर्यकर्मों के अनुसार ऐसा व्यवहार करे कि वह हमारे पास से उठ जाए। |
3. | तब यिर्मयाह ने उन से कहा, तुम सिदकिय्याह से यों कहो, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, |
4. | देखो, युद्ध के जो हथियार तुम्हारे हाथों में है, जिन से तुम बाबुल के राजा और शहरपनाह के बाहर घेरने वाले कसदियों से लड़ रहे हो, उन को मैं लौटा कर इस नगर के बीच में इकट्ठा करूंगा; |
5. | और मैं स्वयं हाथ बढ़ा कर और बलवन्त भुजा से, और क्रोध और जलजलाहट और बड़े क्रोध में आ कर तुम्हारे विरुद्ध लडूंगा। |
6. | और मैं इस नगर के रहने वालों को क्या मनुष्य, क्या पशु सब को मार डालूंगा; वे बड़ी मरी से मरेंगे। |
7. | और उसके बाद, यहोवा की यह वाणी है, हे यहूदा के राजा सिदकिय्याह, मैं तुझे, तेरे कर्मचारियों और लोगों को वरन जो लोग इस नगर में मरी, तलवार और महंगी से बचे रहेंगे उन को बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर और उनके प्राण के शत्रुओं के वश में कर दूंगा। वह उन को तलवार से मार डालेगा; उन पर न तो वह तरस खाएगा, न कुछ कोमलता दिखाएगा और न कुछ दया करेगा। |
8. | और इस प्रजा के लोगों से कह कि यहोवा यों कहता है, देखो, मैं तुम्हारे साम्हने जीवन का मार्ग और मृत्यु का मार्ग भी बताता हूँ। |
9. | जो कोई इस नगर में रहे वह तलवार, महंगी और मरी से मरेगा; परन्तु जो कोई निकल कर उन कसदियों के पास जो तुम को घेर रहे हैं भाग जाए वह जीवित रहेगा, और उसका प्राण बचेगा। |
10. | क्योंकि यहोवा की यह वाणी है कि मैं ने इस नगर की ओर अपना मुख भलाई के लिये नहीं, वरन बुराई ही के लिये किया है; यह बाबुल के राजा के वश में पड़ जाएगा, और वह इस को फुंकवा देगा। |
11. | ओर यहूदा के राजकुल के लोगों से कह, यहोवा का वचन सुनो, |
12. | हे दाऊद के घराने! यहोवा यों कहता है, भोर को न्याय चुकाओ, और लुटे हुए को अंधेर करने वाले के हाथ से छुड़ाओ, नहीं तो तुम्हारे बुरे कामों के कारण मेरे क्रोध की आग भड़केगी, और ऐसी जलती रहेगी कि कोई उसे बुझा न सकेगा। |
13. | हे तराई में रहने वाली और समथर देश की चट्टान; तुम जो कहते हो कि हम पर कौन चढ़ाई कर सकेगा, और हमारे वासस्थान में कौन प्रवेश कर सकेगा? यहोवा कहता है कि मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ। |
14. | और यहोवा की वाणी है कि मैं तुम्हें दण्ड देकर तुम्हारे कामों का फल तुम्हें भुगताऊंगा। मैं उसके वन में आग लगाऊंगा, और उसके चारों ओर सब कुछ भस्म हो जाएगा। |
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