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1. | यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा, |
2. | हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुंह सेईर पहाड़ की ओर कर के उसके विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर, |
3. | और उस से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, हे सेईर पहाड़, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; और अपना हाथ तेरे विरुद्ध बढ़ा कर तुझे उजाड़ ही उजाड़ कर दूंगा। |
4. | मैं तेरे नगरों को खण्डहर कर दूंगा, और तू उजाड़ हो जाएगा; तब तू जान लेगा कि मैं यहोवा हूँ। |
5. | क्योंकि तू इस्राएलियों से युग-युग की शत्रुता रखता था, और उनकी विपत्ति के समय जब उनके अधर्म के दण्ड का समय पहुंचा, तब उन्हें तलवार से मारे जाने को दे दिया। |
6. | इसलिये परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं तुझे हत्या किए जाने के लिये तैयार करूंगा ओर खून तेरा पीछा करेगा; तू तो खून से न घिनाता था, इस कारण खून तेरा पीछा करेगा। |
7. | इस रीति मैं सेईर पहाड़ को उजाड ही उजाड़ कर दूंगा, और जो उस में आता-जाता हो, मैं उसको नाश करूंगा। |
8. | और मैं उसके पहाड़ों को मारे हुओं से भर दूंगा; तेरे टीलों, तराइयों और सब नालों में तलवार से मारे हुए गिरेंगे! |
9. | मैं तुझे युग युग के लिये उजाड़ कर दूंगा, और तेरे नगर फिर न बसेंगे। तब तुम जान लागे कि मैं यहोवा हूँ। |
10. | क्योंकि तू ने कहा है, कि ये दोनों जातियां और ये दोनों देश मेरे होंगे; और हम ही उनके स्वामी हो जाएंगे, यद्यपि यहोवा वहां था। |
11. | इस कारण, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगनध, तेरे कोप के अनुसार, और जो जलजलाहट तू ने उन पर अपने बैर के कारण की है, उसी के अनुसार मैं तुझ से बर्ताव करूंगा, और जब मैं तेरा न्याय करूं, तब तुम में अपने को प्रगट करूंगा। |
12. | और तू जानेगा, कि मुझ यहोवा ने तेरी सब तिरस्कार की बातें सुनी हैं, जो तू ने इस्राएल के पहाड़ों के विषय में कहीं, कि, वे तो उजड़ गए, वे हम ही को दिए गए हैं कि हम उन्हें खा डालें। |
13. | तुम ने अपने मुंह से मेरे विरुद्ध बड़ाई मारी, और मेरे विरुद्ध बहुत बातें कही हैं; इसे मैं ने सुना है। |
14. | परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जब पृथ्वी भर में आनन्द होगा, तब मैं तुझे उजाड़ करूंगा। |
15. | तू इस्राएल के घराने के निज भाग के उजड़ जाने के कारण आनन्दित हुआ, सो मैं भी तुझ से वैसा ही करूंगा; हे सेईर पहाड़, हे एदोम के सारे देश, तू उजाड़ हो जाएगा। तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ। |
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