Ezekiel (23/48)  

1. यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,
2. हे मनुष्य के सन्तान, दो स्त्रियां थी, जो एक ही मां की बेटी थीं,
3. वे अपने बचपन ही में वेश्या का काम मिस्र में करने लगी; उनकी छातियां कुंवारपन में पहिले वहीं मींजी गई और उनका मरदन भी हुआ।
4. उन लड़कियों में से बड़ी का नाम ओहोला और उसकी बहिन का नाम ओहोलीबा था। वे मेरी हो गईं, और उनके पुत्र पुत्रियां उत्पन्न हुई। उनके नामों में से ओहोला तो शोमरोन, और ओहेलीबा यरूशलेम है।
5. ओहोला जब मेरी थी, तब ही व्यभिचारिणी हो कर अपने मित्रों पर मोहित होने लगी जो उसके पड़ोसी अश्शूरी थे।
6. वे तो सब के सब नीले वस्त्र पहिनने वाले मनभावने जवान, अधिपति और प्रधान थे, और घोड़ों पर सवार थे।
7. सो उसने उन्हीं के साथ व्यभिचार किया जो सब के सब सवॉत्तम अश्शूरी थे; और जिस किसी पर वह मोहित हुई, उसी की मूरतों से वह अशुद्ध हुई।
8. जो व्यभिचार उसने मिस्र में सीखा था, उसको भी उसने न छोड़ा; क्योंकि बचपन में मनुष्यों ने उसके साथ कुकर्म किया, और उसकी छातियां मींजी, और तन-मन से उसके साथ व्यभिचार किया गया था।
9. इस कारण मैं ने उसको उन्हीं अश्शूरी मित्रों के हाथ कर दिया जिन पर वह मोहित हुई थी।
10. उन्होंने उसको नंगी किया; उसके पुत्र-पुत्रियां छीन कर उसको तलवार से घात किया; इस प्रकार उनके हाथ से दण्ड पाकर वह स्त्रियों में प्रसिद्ध हो गई।
11. उसकी बहिन ओहोलीबा ने यह देखा, तौभी वह मोहित हो कर व्यभिचार करने में अपनी बहिन से भी अधिक बढ़ गई।
12. वह अपने अश्शूरी पड़ोसियों पर मोहित होती थी, जो सब के सब अति सुन्दर वस्त्र पहिनने वाले और घोड़ों के सवार मनभावने, जवान अधिपति और और प्रकार के प्रधान थे।
13. तब मैं ने देखा कि वह भी अशुद्ध हो गई; उन दोनों बहिनों की एक ही चाल थी।
14. परन्तु ओहोलीबा अधिक व्यभिचार करती गई; सो जब उसने भीत पर सेंदूर से खींचे हुए ऐसे कसदी पुरुषें के चित्र देखे,
15. जो कटि में फेंटे बान्धे हुए, सिर में छोर लटकती हुई रंगीली पगडिय़ां पहिने हुए, और सब के सब अपनी कसदी जन्मभूमि अर्थात बाबुल के लोगों की रीति पर प्रधानों का रूप धरे हुए थे,
16. तब उन को देखते ही वह उन पर मोहित हुई और उनके पास कसदियों के देश में दूत भेजे।
17. सो बाबुली लोग उसके पास पलंग पर आए, और उसके साथ व्यभिचार कर के उसे अशुद्ध किया; और जब वह उन से अशुद्ध हो गई, तब उसका मन उन से फिर गया।
18. तौभी जब वह तन उघाड़ती और व्यभिचार करती गई, तब मेरा मन जैसे उसकी बहिन से फिर गया था, वैसे ही उस से भी फिर गया।
19. इस पर भी वह मिस्र देश के अपने बचपन के दिन स्मरण कर के जब वह वेश्या का काम करती थी, और अधिक व्यभिचार करती गई;
20. और ऐसे मित्रों पर मोहित हुई, जिनका मांस गदहों का सा, और वीर्य घोड़ों का सा था।
21. तू इस प्रकार से अपने बचपन के उस समय के महापाप का स्मरण कराती है जब मिस्री लोग तेरी छातियां मींजते थे।
22. इस कारण हे ओहोलीबा, परमेश्वर यहोवा तुझ से यों कहता है, देख, मैं तेरे मित्रों को उभारकर जिन से तेरा मन फिर गया चारों ओर से तेरे विरुद्ध ले आऊंगा।
23. अर्थात बाबुलियों और सब कसदियों को, और पकोद, शो और कोआ के लोगों को; और उनके साथ सब अश्शूरियों को लाऊंगा जो सब के सब घोड़ों के सवार मनभावने जवान अधिपति, और कई प्रकार के प्रतिनिधि, प्रधान और नामी पुरुष हैं।
24. वे लोग हथियार, रथ, छकड़े और देश देश के लोगों का दल लिये हुए तुझ पर चढ़ाई करेंगे; और ढाल और फरी और टोप धारण किए हुए तेरे विरुद्ध चारों ओर पांति बान्धेंगे; और मैं उन्हीं के हाथ न्याय का काम सौंपूंगा, और वे अपने अपने नियम के अनुसार तेरा न्याय करेंगे।
25. और मैं तुझ पर जलूंगा, जिस से वे जलजलाहट के साथ तुझ से बर्ताव करेंगे। वे तेरी नाक और कान काट लेंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा वह तलवार से मारा जाएगा। वे तेरे पुत्र-पुत्रियों को छीन ले जाएंगे, और तेरा जो भी बचा रहेगा, वह आग से भस्म हो जाएगा।
26. वे तेरे वस्त्र भी उतार कर तेरे सुन्दर-सुन्दर गहने छीन ले जाएंगे।
27. इस रीति से मैं तेरा महापाप और जो वेश्या का काम तू ने मिस्र देश में सीखा था, उसे भी तुझ से छुड़ाऊंगा, यहां तक कि तू फिर अपनी आंख उनकी ओर न लगाएगी और न मिस्र देश को फिर स्मरण करेगी।
28. क्योंकि प्रभु यहोवा तुझ से यों कहता है, देख, मैं तुझे उनके हाथ सौंपूंगा जिन से तू बैर रखती है और जिन से तेरा मन फिर गया है;
29. और वे तुझ से बैर के साथ बर्ताव करेंगे, और तेरी सारी कमाई को उठा लेंगे, और तुझे नंगा कर के छोड़ देंगे, और तेरे तन के उघाड़े जाने से तेरा व्यभिचार और महापाप प्रगट हो जाएगा।
30. ये काम तुझ से इस कारण किए जाएंगे क्योंकि तू अन्यजातियों के पीछे व्यभिचारिणी की नाईं हो गई, और उनकी मूरतें पूज कर अशुद्ध हो गई है।
31. तू अपनी बहिन की लीक पर चली है; इस कारण मैं तेरे हाथ में उसका सा कटोरा दूंगा।
32. प्रभु यहोवा यों कहता है, अपनी बहिन के कटोरे से तुझे पीना पड़ेगा जो गहिरा और चौड़ा है; तू हंसी और ठट्ठों में उड़ाई जाएगी, क्योंकि उस कटोरे में बहुत कुछ समाता है।
33. तू मतवालेपन और दु:ख से छक जाएगी। तू अपनी बहिन शोमरोन के कटोरे को, अर्थात विस्मय और उजाड़ को पीकर छक जाएगी।
34. उस में से तू गार गारकर पीएगी, और उसके ठिकरों को भी चबाएगी और अपनी छातियां घायल करेगी; क्योंकि मैं ही ने ऐसा कहा है, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
35. तू ने जो मुझे भुला दिया है और अपना मुंह मुझ से फेर लिया है, इसलिये तू आप ही अपने महापाप और व्यभिचार का भार उठा, परमेश्वर यहोवा का यही वचन है।
36. यहोवा ने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, क्या तू ओहोला और ओहोलीबा का न्याय करेगा? तो फिर उनके घिनौने काम उन्हें जता दे।
37. क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है, और उनके हाथों में खून लगा है; उन्होंने अपनी मूरतों के साथ व्यभिचार किया, और अपने लड़के-बाले जो मुझ से उत्पन्न हुए थे, उन मूरतों के आगे भस्म होने के लिये चढ़ाए हैं।
38. फिर उन्होंने मुझ से ऐसा बर्ताव भी किया कि उसी के साथ मेरे पवित्रस्थान को भी अशुद्ध किया और मेरे विश्रामदिनों को अपवित्र किया है।
39. वे अपने लड़के-बाले अपनी मूरतों के साम्हने बलि चढ़ाकर उसी दिन मेरा पवित्रस्थान अपवित्र करने को उस में घुसी। देख, उन्होंने इस भांति का काम मेरे भवन के भीतर किया है।
40. और उन्होंने दूर से पुरुषों को बुलवा भेजा, और वे चले भी आए। उनके लिये तू नहा धो, आंखों में अंजन लगा, गहने पहिन कर;
41. सुन्दर पलंग पर बैठी रही; और तेरे साम्हने एक मेज़ बिछी हुई थी, जिस पर तू ने मेरा धूप और मेरा तेल रखा था।
42. तब उसके साथ निश्चिन्त लोगों की भीड़ का कोलाहल सुन पड़ा, और उन साधारण लोगों के पास जंगल से बुलाए हुए पियक्कड़ लोग भी थे; उन्होंने उन दोनों बहिनों के हाथों में चूडियां पहिनाईं, और उनके सिरों पर शोभायमान मुकुट रखे।
43. तब जो क्यभिचार करते करते बुढिय़ा हो गई थी, उसके विषय मैं बोल उठा, अब तो वे उसी के साथ व्यभिचार करेंगे।
44. क्योंकि वे उसके पास ऐसे गए जैसे लोग वेश्या के पास जाते हैं। वैसे ही वे ओहोला और ओहोलीबा नाम महापापिनी स्त्रियों के पास गए।
45. सो धमीं लोग व्यभिचारिणियों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणीयों और हत्यारों के योग्य उसका न्याय करें; क्योंकि वे व्यभिचारिणी है, और उनके हाथों में खून लगा है।
46. इस कारण परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं एक भीड़ से उन पर चढ़ाई करा कर उन्हें ऐसा करूंगा कि वे मारी मारी फिरेंगी और लूटी जाएंगी।
47. और उस भीड़ के लोग उन को पत्थर्वाह कर के उन्हें अपनी तलवारों से काट डालेंगे, तब वे उनके पुत्र-पुत्रियों को घात कर के उनके घर भी आग लगा कर फूंक देंगे।
48. इस प्रकार मैं महापाप को देश में से दूर करूंगा, और सब स्त्रियां शिक्षा पाकर तुम्हारा सा महापाप करने से बची रहेंगी।
49. तुम्हारा महापाप तुम्हारे ही सिर पड़ेगा; और तुम निश्चय अपनी मूरतों की पूजा के पापों का भार उठाओगे; और तब तुम जान लोगे कि मैं परमेश्वर यहोवा हूं।

  Ezekiel (23/48)