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1. | यहोवा यों कहता है, मोआब के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उसने एदोम के राजा की हड्डियों को जला कर चूना कर दिया। |
2. | इसलिये मैं मोआब में आग लगाऊंगा, और उस से करिय्योत के भवन भस्म हो जाएंगे; और मोआब हुल्लड़ और ललकार, और नरसिंगे के शब्द होते-होते मर जाएगा। |
3. | मैं उसके बीच में से न्यायी को नाश करूंगा, और साथ ही साथ उसके सब हाकिमों को भी घात करूंगा, यहोवा का यही वचन है।। |
4. | यहोवा यों कहता है, यहूदा के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उनहोंने यहोवा की व्यवस्था को तुच्छ जाना और मेरी विधियों को नहीं माना; और अपने झूठे देवताओं के कारण जिनके पीछे उनके पुरखा चलते थे, वे भी भटक गए हैं। |
5. | इसलिये मैं यहूदा में आग लगाऊंगा, और उस से यरूशलेम के भवन भस्म हो जाएंगे।। |
6. | यहोवा यों कहता है, इस्राएल के तीन क्या, वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसका दण्ड न छोडूंगा; क्योंकि उन्होंने निर्दोष को रूपये के लिये और दरिद्र को एक जोड़ी जूतियों के लिये बेच डाला है। |
7. | वे कंगालों के सिर पर की धूलि का भी लालच करते, और नम्र लोगों को मार्ग से हटा देते हैं; और बाप-बेटा दोनों एक ही कुमारी के पास जाते हैं, जिस से मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराएं। |
8. | वे हर एक वेदी के पास बन्धक के वस्त्रों पर सोते हैं, और दण्ड के रूपये से मोल लिया हुआ दाखमधु अपने देवता के घर में पी लेते हैं।। |
9. | मैं ने उनके साम्हने से एमोरियों को नाश किया था, जिनकी लम्बाई देवदारों की सी, और जिनका बल बांज वृक्षों का सा था; तौभी मैं ने ऊपर से उसके फल, और नीचे से उसकी जड़ नाश की। |
10. | और मैं तुम को मिस्र देश से निकाल लाया, और जंगल में चालीस वर्ष तक लिये फिरता रहा, कि तुम एमोरियों के देश के अधिकारी हो जाओ। |
11. | और मैं ने तुम्हारे पुत्रों में से नबी होने के लिये और तुम्हारे कुछ जवानों में से नाजीर होने के लिये ठहराया। हे इस्राएलियो, क्या यह सब सच नहीं है? यहोवा की यही वाणी है। |
12. | परन्तु तुम ने नाजीरों को दाखमधु पिलाया, और नबियों को आज्ञा दी कि भविष्यद्ववाणी न करें।। |
13. | देखो, मैं तुम को ऐसा दबाऊंगा, जैसी पूलों से भरी हुई गाड़ी नीचे को दबाई जाती है। |
14. | इसलिये वेग दौड़ने वाले को भाग जाने का स्थान न मिलेगा, और सामर्थी का सामर्थ कुछ काम न देगा; और न पराक्रमी अपना प्राण बचा सकेगा; |
15. | धनुर्धारी खड़ा न रह सकेगा, और फुर्ती से दौड़ने वाला न बचेगा; सवार भी अपना प्राण न बचा सकेगा; |
16. | और शूरवीरों में जो अधिक वीर हो, वह भी उस दिन नंगा हो कर भाग जाएगा, यहोवा की यही वाणी है।। |
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