← Psalms (96/150) → |
1. | उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ। अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा। |
2. | यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो! उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है। |
3. | अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है। सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो। |
4. | यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है। वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है। |
5. | अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं, किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया। |
6. | उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है। परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं। |
7. | अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा और प्रशंसा के गीत गाओ। |
8. | यहोवा के नाम के गुणगान करो। अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ। |
9. | यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो। अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो। |
10. | राष्ट्रों को बता दो कि यहोवा राजा है! सो इससे जगत का नाश नहीं होगा। यहोवा मनुष्यों पर न्याय से शासन करेगा। |
11. | अरे आकाश, प्रसन्न हो! हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो। |
12. | अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ! हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ! |
13. | आनन्दित हो जाओ क्योंकि यहोवा आ रहा है, यहोवा जगत का शासन (न्याय) करने आ रहा है, वह खरेपन से न्याय करेगा। |
← Psalms (96/150) → |