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1. | हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर! हे परमेश्वर, जल्दी कर और मुझको सहारा दे! |
2. | लोग मुझे मार डालने का जतन कर रहे हैं। उन्हें निराश और अपमानित कर दे! ऐसा चाहते हैं कि लोग मेरा बुरा कर डाले। उनका पतन ऐसा हो जाये कि वे लज्जित हो। |
3. | लोगों ने मुझको हँसी ठट्टों में उड़ाया। मैं उनकी पराजय की आस करता हूँ और इस बात की कि उन्हें लज्जा अनुभव हो। |
4. | मुझको यह आस है कि ऐसे वे सभी लोग जो तेरी आराधना करते हैं, वह अति प्रसन्न हों। वे सभी लोग तेरी सहायता की आस रहते हैं वे तेरी सदा स्तुती करते रहें। |
5. | हे परमेश्वर, मैं दीन और असहाय हूँ। जल्दी कर! आ, और मुझको सहारा दे! हे परमेश्वर, तू ही बस ऐसा है जो मुझको बचा सकता है, अधिक देर मत कर! |
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