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1. | दुर्जनों से मत घबरा, जो बुरा करते हैं ऐसे मनुष्यों से ईर्ष्या मत रख। |
2. | दुर्जन मनुष्य घास और हरे पौधों की तरह शीघ्र पीले पड़ जाते हैं और मर जाते हैं। |
3. | यदि तू यहोवा पर भरोसा रखेगा और भले काम करेगा तो तू जीवित रहेगा और उन वस्तुओं का भोग करेगा जो धरती देती है। |
4. | यहोवा की सेवा में आनन्द लेता रह, और यहोवा तुझे तेरा मन चाहा देगा। |
5. | यहोवा के भरोसे रह। उसका विश्वास कर। वह वैसा करेगा जैसे करना चाहिए। |
6. | दोपहर के सूर्य सा, यहोवा तेरी नेकी और खरेपन को चमकाए। |
7. | यहोवा पर भरोसा रख और उसके सहारे की बाट जोह। तू दुष्टों की सफलता देखकर घबराया मत कर। तू दुष्टों की दुष्ट योजनाओं को सफल होते देख कर मत घबरा। |
8. | तू क्रोध मत कर! तू उन्मादी मत बन! उतना मत घबरा जा कि तू बुरे काम करना चाहे। |
9. | क्योंकि बुरे लोगों को तो नष्ट किया जायेगा। किन्तु वे लोग जो यहोवा पर भरोसे हैं, उस धरती को पायेंगे जिसे देने का परमेश्वर ने वचन दिया। |
10. | थोड़े ही समय बाद कोई दुर्जन नहीं बचेगा। ढूँढने से भी तुमको कोई दुष्ट नहीं मिलेगा! |
11. | नम्र लोग वह धरती पाएंगे जिसे परमेश्वर ने देने का वचन दिया है। वे शांति का आनन्द लेंगे। |
12. | दुष्ट लोग सज्जनों के लिये कुचक्र रचते हैं। दुष्ट जन सज्जनों के ऊपर दाँत पीसकर दिखाते हैं कि वे क्रोधित हैं। |
13. | किन्तु हमारा स्वामी उन दुर्जनों पर हँसता है। वह उन बातों को देखता है जो उन पर पड़ने को है। |
14. | दुर्जन तो अपनी तलवारें उठाते हैं और धनुष साधते हैं। वे दीनों, असहायों को मारना चाहते हैं। वे सच्चे, सज्जनों को मारना चाहते हैं। |
15. | किन्तु उनके धनुष चूर चूर हो जायेंगे। और उनकी तलवारें उनके अपने ही हृदयों में उतरेंगी। |
16. | थोड़े से भले लोग, दुर्जनों की भीड़ से भी उत्तम है। |
17. | क्योंकि दुर्जनों को तो नष्ट किया जायेगा। किन्तु भले लोगों का यहोवा ध्यान रखता है। |
18. | शुद्ध सज्जनों को यहोवा उनके जीवन भर बचाता है। उनका प्रतिफल सदा बना रहेगा। |
19. | जब संकट होगा, सज्जन नष्ट नहीं होंगे। जब अकाल पड़ेगा, सज्जनों के पास खाने को भरपूर होगा। |
20. | किन्तु बुरे लोग यहोवा के शत्रु हुआ करते हैं। सो उन बुरे जनों को नष्ट किया जाएगा, उनकी घाटियाँ सूख जाएंगी और जल जाएंगी। उनको तो पूरी तरह से मिटा दिया जायेगा। |
21. | दुष्ट तो तुरंत ही धन उधार माँग लेता है, और उसको फिर कभी नहीं चुकाता। किन्तु एक सज्जन औरों को प्रसन्नता से देता रहता है। |
22. | यदि कोई सज्जन किसी को आशीर्वाद दे, तो वे मनुष्य उस धरती को जिसे परमेश्वर ने देने का वचन दिया है, पाएंगे। किन्तु यदि वह शाप दे मनुष्यों को, तो वे मनुष्य नाश हो जाएंगे। |
23. | यहोवा, सैनिक की सावधानी से चलने में सहायता करता है। और वह उसको पतन से बचाता है। |
24. | सैनिक यदि दौड़ कर शत्रु पर प्रहार करें, तो उसके हाथ को यहोवा सहारा देता है, और उसको गिरने से बचाता है। |
25. | मैं युवक हुआ करता था पर अब मैं बूढा हूँ। मैंने कभी यहोवा को सज्जनों को असहाय छोड़ते नहीं देखा। मैंने कभी सज्जनों की संतानों को भीख माँगते नहीं देखा। |
26. | सज्जन सदा मुक्त भाव से दान देता है। सज्जनों के बालक वरदान हुआ करते हैं। |
27. | यदि तू कुकर्मो से अपना मुख मोड़े, और यदि तू अच्छे कामों को करता रहे, तो फिर तू सदा सर्वदा जीवित रहेगा। |
28. | यहोवा खरेपन से प्रेम करता है, वह अपने निज भक्त को असहाय नहीं छोड़ता। यहोवा अपने निज भक्तों की सदा रक्षा करता है, और वह दुष्ट जन को नष्ट कर देता है। |
29. | सज्जन उस धरती को पायेंगे जिसे देने का परमेश्वर ने वचन दिया है, वे उस में सदा सर्वदा निवास करेंगे। |
30. | भला मनुष्य तो खरी सलाह देता है। उसका न्याय सबके लिये निष्पक्ष होता है। |
31. | सज्जन के हृदय (मन) में यहोवा के उपदेश बसे हैं। वह सीधे मार्ग पर चलना नहीं छोड़ता। |
32. | किन्तु दुर्जन सज्जन को दु:ख पहुँचाने का रास्ता ढूँढता रहता है, और दुर्जन सज्जन को मारने का यत्न करते हैं। |
33. | किन्तु यहोवा दुर्जनों को मुक्त नहीं छोड़ेगा। वह सज्जन को अपराधी नहीं ठहरने देगा। |
34. | यहोवा की सहायता की बाट जोहते रहो। यहोवा का अनुसरण करते रहो। दुर्जन नष्ट होंगे। यहोवा तुझको महत्वपूर्ण बनायेगा। तू वह धरती पाएगा जिसे देने का यहोवा ने वचन दिया है। |
35. | मैंने दुष्ट को बलशाली देखा है। मैंने उसे मजबूत और स्वस्थ वृक्ष की तरह शक्तिशाली देखा। |
36. | किन्तु वे फिर मिट गए। मेरे ढूँढने पर उनका पता तक नहीं मिला। |
37. | सच्चे और खरे बनो, क्योंकि इसी से शांति मिलती है। |
38. | जो लोग व्यवस्था नियम तोड़ते हैं नष्ट किये जायेंगे। |
39. | यहोवा नेक मनुष्यों की रक्षा करता है। सज्जनों पर जब विपत्ति पड़ती है तब यहोवा उनकी शक्ति बन जाता है। |
40. | यहोवा नेक जनों को सहारा देता है, और उनकी रक्षा करता है। सज्जन यहोवा की शरण में आते हैं और यहोवा उनको दुर्जनों से बचा लेता है। |
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