← Psalms (3/150) → |
1. | हे यहोवा, मेरे कितने ही शुत्र मेरे विरुद्ध खड़े हो गये हैं। |
2. | कितने ही मेरी चर्चाएं करते हैं, कितने ही मेरे विषय में कह रहे कि परमेश्वर इसकी रक्षा नहीं करेगा। |
3. | किन्तु यहोवा, तू मेरी ढाल है। तू ही मेरी महिमा है। हे यहोवा, तू ही मेरा सिर ऊँचा करता है। |
4. | मैं यहोवा को ऊँचे स्वर में पुकारुँगा। वह अपने पवित्र पर्वत से मुझे उत्तर देगा। |
5. | मैं आराम करने को लेट सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि मैं जाग जाऊँगा, क्योंकि यहोवा मुझको बचाता और मेरी रक्षा करता है। |
6. | चाहे मैं सैनिकों के बीच घिर जाऊँ किन्तु उन शत्रुओं से भयभीत नहीं होऊँगा। |
7. | हे यहोवा, जाग! मेरे परमेश्वर आ, मेरी रक्षा कर! तू बहुत शक्तिशाली है। यदि मेरे दुष्ट शत्रुओं के मुख पर तू प्रहार करे, तो उनके सभी दाँतों को तो उखाड़ डालेगा। |
8. | यहोवा अपने लोगों की रक्षा कर सकता है। हे यहोवा, तेरे लोगों पर तेरी आशीष रहे। |
← Psalms (3/150) → |