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1. | परमेश्वर के पुत्रों, यहोवा की स्तुति करो! उसकी महिमा और शक्ति के प्रशंसा गीत गाओ। |
2. | यहोवा की प्रशंसा करो और उसके नाम को आदर प्रकट करो। विशेष वस्त्र पहनकर उसकी आराधना करो। |
3. | समुद्र के ऊपर यहोवा की वाणी निज गरजती है। परमेश्वर की वाणी महासागर के ऊपर मेघ के गरजन की तरह गरजता है। |
4. | यहोवा की वाणी उसकी शक्ति को दिखाती है। उसकी ध्वनि उसके महिमा को प्रकट करती है। |
5. | यहोवा की वाणी देवदार वृक्षों को तोड़ कर चकनाचूर कर देता है। यहोवा लबानोन के विशाल देवदार वृक्षों को तोड़ देता है। |
6. | यहोवा लबानोन के पहाड़ों को कँपा देता है। वे नाचते बछड़े की तरह दिखने लगता है। हेर्मोन का पहाड़ काँप उठता है और उछलती जवान बकरी की तरह दिखता है। |
7. | यहोवा की वाणी बिजली की कौधो से टकराती है। |
8. | यहोवा की वाणी मरुस्थलों को कँपा देती है। यहोवा के स्वर से कादेश का मरुस्थल काँप उठता है। |
9. | यहोवा की वाणी से हरिण भयभीत होते हैं। यहोवा दुर्गम वनों को नष्ट कर देता है। किन्तु उसके मन्दिर में लोग उसकी प्रशंसा के गीत गाते हैं। |
10. | जलप्रलय के समय यहोवा राजा था। वह सदा के लिये राजा रहेगा। |
11. | यहोवा अपने भक्तों की रक्षा सदा करे, और अपने जनों को शांति का आशीष दे। |
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