Psalms (21/150)  

1. हे यहोवा, तेरी महिमा राजा को प्रसन्न करती है, जब तू उसे बचाता है। वह अति आनन्दित होता है।
2. तूने राजा को वे सब वस्तुएँ दी जो उसने चाहा, राजा ने जो भी पाने की विनती की हे यहोवा, तूने मन वांछित उसे दे दिया।
3. हे यहोवा, सचमुच तूने बहुत आशीष राजा को दी। उसके सिर पर तूने स्वर्ण मुकुट रख दिया।
4. उसने तुझ से जीवन की याचना की और तूने उसे यह दे दिया। परमेश्वर, तूने सदा सर्वदा के लिये राजा को अमर जीवन दिया।
5. तूने रक्षा की तो राजा को महा वैभव मिला। तूने उसे आदर और प्रशंसा दी।
6. हे परमेश्वर, सचमुच तूने राजा को सदा सर्वदा के लिये, आशिर्वाद दिये। जब राजा को तेरा दर्शन मिलता है, तो वह अति प्रसन्न होता है।
7. राजा को सचमुच यहोवा पर भरोसा है, सो परम परमेश्वर उसे निराश नहीं करेगा।
8. हे परमेश्वर! तू दिखा देगा अपने सभी शत्रुओं को कि तू सुदृढ़ शक्तिवान है। जो तुझ से घृणा करते हैं तेरी शक्ति उन्हें पराजित करेगी।
9. हे यहोवा, जब तू राजा के साथ होता है तो वह उस भभकते भाड़ सा बन जाता है, जो सब कुछ भस्म करता है। उसकी क्रोधाग्नि अपने सभी बैरियों को भस्म कर देती है।
10. परमेश्वर के बैरियों के वंश नष्ट हो जायेंगे, धरती के ऊपर से वह सब मिटेंगे।
11. ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि यहोवा, तेरे विरुद्ध उन लोगों ने षड़यन्त्र रचा था? उन्होंने बुरा करने को योजनाएँ रची थी, किन्तु वे उसमें सफल नहीं हुए।
12. किन्तु यहोवा तूने ऐसे लोगों को अपने अधीन किया, तूने उन्हें एक साथ रस्से से बाँध दिया, और रस्सियों का फँदा उनके गलों में डाला। तूने उन्हें उनके मुँह के बल दासों सा गिराया।
13. यहोवा के और उसकी शक्ति के गुण गाओ आओ हम गायें और उसके गीतों को बजायें जो उसकी गरिमा से जुड़े हुए हैं।

  Psalms (21/150)