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| 1. | यहोवा की प्रशंसा करो!~ परमेश्वर के मन्दिर में उसका गुणगान करो! उसकी जो शक्ति स्वर्ग में है, उसके यशगीत गाओ! |
| 2. | उन बड़े कामों के लिये परमेश्वर की प्रशंसा करो, जिनको वह करता है! उसकी गरिमा समूची के लिये उसका गुणगान करो! |
| 3. | तुरही फूँकते और नरसिंगे बजाते हुए उसकी स्तुति करो! उसका गुणगान वीणा और सारंगी बजाते हुए करो! |
| 4. | परमेश्वर की स्तुति तम्बूरों और नृत्य से करो! उसका यश उन पर जो तार से बजाते हैं और बांसुरी बजाते हुए गाओ! |
| 5. | तुम परमेश्वर का यश झंकारते झाँझे बजाते हुए गाओ! उसकी प्रशंसा करो! |
| 6. | हे जीवों! यहोवा की स्तुति करो! यहोवा की प्रशंसा करो! |
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