Psalms (142/150)  

1. मैं सहायता पाने के लिये यहोवा को पुकारुँगा। मै यहोवा से प्रार्थना करुँगा।
2. मैं यहोवा के सामने अपना दु:ख रोऊँगा। मैं यहोवा से अपनी कठिनाईयाँ कहूँगा।
3. मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है। मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है। कि मेरे साथ क्या घट रहा है।
4. मैं चारों ओर देखता हूँ और कोई अपना मिस्र मुझको दिख नहीं रहा मेरे पास जाने को कोई जगह नहीं है। कोई व्यक्ति मुझको बचाने का जतन नहीं करता है।
5. इसलिये मैंने यहोवा को सहारा पाने को पुकारा है। हे यहोवा, तू मेरी ओट है। हे यहोवा, तू ही मुझे जिलाये रख सकता है।
6. हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन। मुझे तेरी बहुत अपेक्षा है। तू मुझको ऐसे लोगों से बचा ले जो मेरे लिये मेरे पीछे पड़े हैं।
7. मुझको सहारा दे कि इस जाल से बच भागूँ। फिर यहोवा, मैं तेरे नाम का गुणगान करुँगा। मैं वचन देता हूँ। भले लोग आपस में मिलेंगे और तेरा गुणगान करेंगे क्योकि तूने मेरी रक्षा की है।

  Psalms (142/150)