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1. | हे यहोवा, दुष्ट लोगों से मेरी रक्षा कर। मुझको क्रूर लोगों से बचा ले। |
2. | वे लोग बुरा करने को कुचक्र रचते हैं। वे लोग सदा ही लड़ने लग जाते हैं। |
3. | उन लोगों की जीभें विष भरे नागों सी है। जैसे उनकी जीभों के नीचे सर्प विष हो। |
4. | हे यहोवा, तू मुझको दुष्ट लोगों से बचा ले। मुझको क्रूर लोगों से बचा ले। वे लोग मेरे पीछे पड़े हैं और दु:ख पहुँचाने का जतन कर रहे हैं। |
5. | उन अहंकारी लोगों ने मेरे लिये जाल बिछाया। मुझको फँसाने को उन्होंने जाल फैलाया है। मेरी राह में उन्होंने फँदा फैलाया है। |
6. | हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है। हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन। |
7. | हे यहोवा, तू मेरा बलशाली स्वामी है। तू मेरा उद्धारकर्ता है। तू मेरा सिर का कवच जैसा है। जो मेरा सिर युद्ध में बचाता है। |
8. | हे यहोवा, वे लोग दुष्ट हैं। उन की मनोकामना पूरी मत होने दे। उनकी योजनाओं को परवान मत चढने दे। |
9. | हे यहोवा, मेरे बैरियों को विजयी मत होने दे। वे बुरे लोग कुचक्र रच रहे हैं। उनके कुचक्रों को तू उन्ही पर चला दे। |
10. | उनके सिर पर धधकते अंगारों को ऊँडेल दे। मेरे शत्रुओं को आग में धकेल दे। उनको गक़े (कब्रों) में फेंक दे। वे उससे कभी बाहर न निकल पाये। |
11. | हे यहोवा, उन मिथ्यावादियों को तू जीने मत दे। बुरे लोगों के साथ बुरी बातें घटा दे। |
12. | मैं जानता हूँ यहोवा कंगालों का न्याय खराई से करेगा। परमेश्वर असहायों की सहायता करेगा। |
13. | हे यहोवा, भले लोग तेरे नाम की स्तुति करेंगे। भले लोग तेरी अराधना करेंगे। |
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