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1. | हे यहोवा, मैं गहन कष्ट में हूँ सो सहारा पाने को मैं तुम्हें पुकारता हूँ। |
2. | मेरे स्वामी, तू मेरी सुन ले। मेरी सहायता की पुकार पर कान दे। |
3. | हे यहोवा, यदि तू लोगों को उनके सभी पापों का सचमुच दण्ड दे तो फिर कोई भी बच नहीं पायेगा। |
4. | हे यहोवा, निज भक्तों को क्षमा कर। फिर तेरी अराधना करने को वहाँ लोग होंगे। |
5. | मैं यहोवा की बाट जोह रहा हूँ कि वह मुझको सहायता दे। मेरी आत्मा उसकी प्रतीक्षा में है। यहोवा जो कहता है उस पर मेरा भरोसा है। |
6. | मैं अपने स्वामी की बाट जोहता हूँ। मैं उस रक्षक सा हूँ जो उषा के आने की प्रतीक्षा में लगा रहता है। |
7. | इस्राएल, यहोवा पर विश्वास कर। केवल यहोवा के साथ सच्चा प्रेम मिलता है। यहोवा हमारी बार—बार रक्षा किया करता है। |
8. | यहोवा इस्राएल को उनके सारे पापों के लिए क्षमा करेगा। |
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