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1. | हे परमेश्वर, मैं ऊपर आँख उठाकर तेरी प्रार्थना करता हूँ। तू स्वर्ग में राजा के रूप में विराजता है। |
2. | दास अपने स्वामियों के ऊपर उन वस्तुओं के लिए निर्भर रहा करते हैं। जिसकी उनको आवश्यकता है। दासियाँ अपनी स्वामिनियों के ऊपर निर्भर रहा करती हैं। इसी तरह हमको यहोवा का, हमारे परमेश्वर का भरोसा है। ताकि वह हम पर दया दिखाए, हम परमेश्वर की बाट जोहते हैं। |
3. | हे यहोवा, हम पर कृपालु है। दयालु हो क्योंकि बहुत दिनों से हमारा अपमान होता रहा है। |
4. | अहंकारी लोग बहुत दिनों से हमें अपमानित कर चुके हैं। ऐसे लोग सोचा करते हैं कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं। |
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