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| 1. | मैं संकट में पड़ा था, सहारा पाने के लिए मैंने यहोवा को पुकारा और उसने मुझे बचा लिया। | 
| 2. | हे यहोवा, मुझे तू उन ऐसे लोगों से बचा ले जिन्होंने मेरे विषय में झूठ बोला है। | 
| 3. | अरे ओ झूठों, क्या तुम यह जानते हो कि परमेश्वर तुमको कैसे दण्ड देगा | 
| 4. | तुम्हें दण्ड देने के लिए परमेश्वर योद्धा के नुकीले तीर और धधकते हुए अंगारे काम में लाएगा। | 
| 5. | झूठों, तुम्हारे निकट रहना ऐसा है, जैसे कि मेशेक के देश में रहना। यह रहना ऐसा है जैसे केवार के खेतों में रहना है। | 
| 6. | जो शांति के बैरी है ऐसे लोगों के संग मैं बहुत दिन रहा हूँ। | 
| 7. | मैंने यह कहा था मुझे शांति चाहिए क्यों वे लोग युद्ध को चाहते हैं। | 
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