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1. जिस समय यहोवा ने सीनै पर्वत पर मूसा से बात की, उस समय हारून और मूसा के परिवार का इतिहास यह है।
2. हारून के चार पुत्र थे। नादाब पहलौठा पुत्र था। उसके बाद अबीहू, एलीआजार और ईतामार थे।
3. ये पुत्र चुने हुए याजक थे। इन्हें याजक के रूप में यहोवा की सेवा का विशेष कार्य सौंपा गया था।
4. किन्तु नादाब और अबीहू यहोवा की सेवा करते समय पाप करने के कारण मर गए। उन्होंने यहोवा को भेंट चढ़ाई, किन्तु उन्होंने उस आग का उपयोग किया जिसके लिए यहोवा ने आज्ञा नहीं दी थी। इस प्रकार नादाब और अबीहू वहीं सीनै की मरुभूमि में मर गए। उनके पुत्र नहीं थे, अतः एलीआज़ार और ईतामार याजक बने और यहोवा की सेवा करने लगे। वे यह उस समय तक करते रहे जब तक उनका पिता हारून जीवित था।
5. यहोवा ने मूसा से कहा,
6. “लेवी के परिवार समूह के सभी लोगों को याजक हारून के सामने लाओ। वे लोग हारून के सहायक होंगे।
7. लेवीवंशी हारून की उस समय सहायता करेंगे जब वह मिलाप वाले तम्बू में सेवा करेगा और लेवीवंशी इस्राएल के सभी लोगों की इस समय सहा.ता करेंगे जिस समय वे पवित्र तम्बू में उपासना करने आएंगे।
8. इस्राएल के लोग मिलापवाले तम्बू की हर एक चीज की रक्षा करेंगे, यह उनका कर्तव्य है। किन्तु इन चीजों की देखभाल करके ही लेवीवंश के लोग इस्राएल के लोगों की सेवा करेंगे। पवित्र तम्बू में उपासना करने की उनकी यही पद्धति होगी।
9. “इस्राएल के सभी लोगों में से लेवीवंशी चुने गए थे। ये लेवी, हारून और उसके पुत्रों की सहायता के लिए चुने गए थे।
10. “तुम हारून और उसके पुत्रों को याजक नियुक्त करोगे। वे अपना कर्तव्य पूरा करेंगे और याजक के रूप में सेवा करेंगे। कोई अन्य व्यक्ति जो पवित्र चीज़ों के समीप आने का प्रयत्न करता है, मार दिया जाना चाहिए।”
11. यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
12. “मैंने तुमसे कहा कि इस्राएल का हर एक परिवार अपना पहलौठा पुत्र मुझ को देगा, किन्तु अब मैं लेवीवंश को अपनी सेवा के लिए चुन रहा हूँ। वे मेरे होंगे। अतः इस्राएल के सभी अन्य लोगों को अपना पहलौठा पुत्र मुझको नहीं देना पड़ेगा। जब तुम मिस्र में थे, मैंने मिस्र के लोगों के पहलोठों को मार डाला था। उस समय मैंने इस्राएल के सभी पहलौठों को अपने लिए लिया। सकभी पहलौठे बच्चे और सभी पहलौठे जानवर मेरे हैं। किन्तु अब मैं तुम्हारे पहलौठे बच्चों को तुम्हें वापस करता हूँ और लेवीवंश को अपना बनाता हूँ। मैं यहोवा हूँ।”
13. “मैंने तुमसे कहा कि इस्राएल का हर एक परिवार अपना पहलौठा पुत्र मुझ को देगा, किन्तु अब मैं लेवीवंश को अपनी सेवा के लिए चुन रहा हूँ। वे मेरे होंगे। अतः इस्राएल के सभी अन्य लोगों को अपना पहलौठा पुत्र मुझको नहीं देना पड़ेगा। जब तुम मिस्र में थे, मैंने मिस्र के लोगों के पहलोठों को मार डाला था। उस समय मैंने इस्राएल के सभी पहलौठों को अपने लिए लिया। सकभी पहलौठे बच्चे और सभी पहलौठे जानवर मेरे हैं। किन्तु अब मैं तुम्हारे पहलौठे बच्चों को तुम्हें वापस करता हूँ और लेवीवंश को अपना बनाता हूँ। मैं यहोवा हूँ।”
14. यहोवा ने फिर सीनै की मरुभूमि में मूसा से बात की। यहोवा ने कहा,
15. “लेवीवंश के सभी परिवार समुहों और परिवारों को गिनो। प्रत्येक पुरुष या लड़कों को जो एक महीने या उससे अधिक के हैं, उनको गीनो।”
16. अतः मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। उसने उन सभी को गिना।
17. लेवी के तीन पुत्र थेः उनके नाम थेः गेर्शोन, कहात और मरारी।
18. हर एक पुत्र परिवार समूहों का नेता था। गेर्शोन के परिवार समूह थेः लिब्नी और शिमी।
19. कहात के परिवार समूह थेः अम्राम, यिसहार, हेब्रोन, उज्जीएल।
20. मरारी के परिवार समूह थेः महली और मूशी। ये ही वे परिवार थे जो लेवी के परिवार समूह से सम्बन्धित थे।
21. लिब्नी और शिमियों के परिवार गेर्शोन के परिवार समूह से सम्बन्धित थे। वे गेर्शोनवंशी परिवार समूह थे।
22. इन दोनों परिवार समूहों में एक महीने से अधिक उम्र के लड़के या पुरुष सात हजार पाँच सौ थे।
23. गेर्शोन वंश के परिवार समूहों को पश्मि में डेरा लगाने के लिये कहा गया। उन्होंने पवित्र तम्बू के पीछे अपना डेरा लगाया।
24. गेर्शोन वंश के परिवार समूहों का नेता लाएल का पुत्र एल्यासाप था।
25. मिलापवाले तम्बू में गेर्शोन वंशी लोग पवित्र तम्बु, आच्छादन और बाहरी तम्बू की देखभाल का कार्य करने वाले थे। वे मिलापवाले तम्बू के प्रवेश द्वार के पर्दे कि भी देखभाल करते थे।
26. वे आँगन के पर्दे की देखभाल करते थे।वे आँगन के द्वार के पर्दो की भी देखभाल करते थे। यह आँगन पवित्र तम्बू और वेदी के चारों ओर था। वे रस्सियों और पर्दे के लिए काम में आने वाली हक एक चीज़ की देखभाल करते थे।
27. अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएल के परिवार कहात के परिवार से सम्बन्धित थे। वे कहात परिवार समूह के थे।
28. इस परिवार समूह में एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरूष आठ हजार छः सौ थे। कहात वंश के लोगों को पवित्र स्थान की देखभाल का कार्य सौंपा गया.
29. कहात के परिवार समूहों को “पवित्र तम्बू” के दक्षिण का क्षेत्र दिया गया। यह वह क्षेत्र था जहाँ उन्होंने डेरे लगाए।
30. कहात के परिवार समूह का नेता उज्जीएल का पुत्र एलीसापान था।
31. उनका कार्य पवित्र सन्दूक, मेज, दीपाधार, वेदियों और पवित्र स्थान के उपकरणों की देखभाल करना था। वे पर्दे और उनके साथ उपयोग में आने वाली सभी चीजों की भी देखभाल करते थे।
32. लेवीवंश के प्रमुखों का नेता हारून का पुत्र एलीआजार था। वह याजक था एलीआजार पवित्र चीज़ों की देखभाल करने वाले सभी लोगों का अधीक्षक था।
33. महली और मूशियों के परिवार समूह मरारी परिवार से सम्बन्धित थे। एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरुष महली परिवार समूह में छः हजार दो सौ थे।
34. महली और मूशियों के परिवार समूह मरारी परिवार से सम्बन्धित थे। एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़के और पुरुष महली परिवार समूह में छः हजार दो सौ थे।
35. मरारी समूह का नेता अबीहैल का पुत्र सूरीएल था। इस परिवार समूह को पवित्र तम्बू के उत्तर का क्षेत्र दिया गया था। यही वह क्षेत्र है जहाँ उन्होंने डेरा लगाया।
36. मरारी लोगों को पवित्र तम्बू के ढाँचे की देखभाल का कार्य सौंपा गया। वे सभी छड़ों, खम्बों, आधारों और पवित्र तम्बू के ढाँचे में जो कुछ लगा था, उन सब की दखभाल करते थे।
37. पवित्र तम्बू के चारों ओर के आँगन के सभी खम्भों की भी देखभाल किया करते थे। इनमें सभी आधार, तम्बू की खूटियाँ और रस्सियाँ शामिल थीं।
38. मूसा, हारून और उसके पुत्रों ने मिलापवाले तम्बू के सामने पवित्र तम्बू के पूर्व में अपने डेरे लगाए। उन्हें पवित्र स्थान की देखभाल का काम सौंपा गया। उन्होंने यह इस्राएल के सभी लोगों के लिए किया। कोई दूसरा व्यक्ति जो पवित्र स्थान के समीप आता, मार दिया जाता था।
39. यहोवा ने लेवी परिवार समूह के एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों को गिनने का आदेश दिया। सारी संख्या बाइस हजार थी।
40. यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल में सभी एक महीने या उससे अधिक उम्र के पहलौठे लड़के और पुरुषों को गिनो। उनके नामों की एक सूची बनाओ।
41. अब मैं इस्राएल के सभी पहलौठे लड़कों और पुरुषों को नहीं लूँगा। अब मैं अर्थात् यहोवा लेवीवंशी को ही लूँगा। इस्राएल के अन्य सभी लोगों के पहलौठे जानवरों को लेने के स्थान पर अब मैं लेवीवंशी के लोगों के पहलौठे जानवरों को ही लूँगा।”
42. इस प्रकार मूसा ने वह किया जो यहोवा ने आदेश दिया। मूसा ने इस्राएल के पहलौठी सारी सन्तानों को गिना।
43. मूसा ने सभी पहलौठे एक महीने या उससे अधिक उम्र के लड़कों और पुरुषों की सूची बनाई। उस सूची में बाइस हजार दो सौ तिहत्तर नाम थे।
44. यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
45. “मैं अर्थात् यहोवा यह आदेश देता हुँ: इस्राएल के अन्य परिवारों के पहलौठे पुरुषों के स्थान पर लेवीवंशी के लोगों को लो और मैं अन्य लोगों के जानवरों के स्थान पर लेवीवंश के जानवरों को लूँगा। लेवीवंशी मेरे हैं।
46. लेवीवंश के लोग बाइस हजार हैं और अन्य परिवारों के बाइस हजार दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र हैं। इस प्रकार केवल दो सौ तिहत्तर पहलौठे पुत्र लेवीवंश के लोगों से अधिक हैं।
47. इसलिए पहलौठे दो सौ तिहत्तर पुत्रों में से हर एक के लिए पाँच शेकेल चाँदी दो। यह चाँदी इस्राएल के लोगों से इकट्ठा करो।
48. वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दो। यह एस्राएल के दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए भुगतान है।”
49. मूसा ने दो सौ तिहत्तर लोगों के लिए धन इकट्ठा किया। क्योंकि यहाँ इतने लेवी नहीं थे जो दूसरे परिवार समूह के दो सौ तिहत्तर पहलौठों की जगह ले सकें।
50. मूसा ने इस्राएल के पहलौठे लोगों से चाँदी इकट्ठा की। उसने एक हजार तीन सौ पैंसठ शेकेल चाँदी “अधिकृत भार” का उपयोग करके इकट्ठा की।
51. मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। मूसा ने यहोवा के आदेश के अनुसार वह चाँदी हारून और उसके पुत्रों को दी।

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