Nahum (1/3)  

1. यह नीनवे के विषय में एक दु:खद भविष्यवाणी है। यह पुस्तक नहूम के दर्शन की पुस्तक है। नहूम एल्कोश से था।
2. यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर है। यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है। और यहोवा बहुत कुपित है! यहोवा अपने शत्रुओं को दण्ड देता है। वह अपने बैरियों पर क्रोधित रहता है।
3. यहोवा धैर्यशील है, किन्तु साथ ही वह बहुत महा सामर्थी है! और यहोवा अपराधी लोगों को दण्ड देता है। वह उन्हें ऐसे ही छुट कर नहीं चले जाने देगा। देखो, यहोवा दुर्जनों को दण्ड देने आ रहा है। वह अपनी शक्ति दिखाने के लिये बवण्डरों और तूफानों को काम में लायेगा। मनुष्य तो धरती पर मिट्टी में चलता है, किन्तु यहोवा मेघों पर विचरता है!
4. यदि यहोवा सागर को घुड़के तो सागर भी सूख जाये। सारी ही नदियों को वह सूखा सकत है! बाशान और कर्म्मेल की हरी—भरी भूमि सूख कर मर जाया करती है। लबानोन के फूल मुरझा कर गिर जाता हैं।
5. यहोवा का आगमन होगा और पर्वत भय से काँपेंगे और ये पहाड़ियाँ पिघलकर बह जायेंगी। यहोवा का आगमन होगा और यह धरती भय से काँप उठेगी। यहजगत और जो कुछ इसमें है जो जीवित है, भय से काँपेगा।
6. यहोवा के महाकोप का सामना कोई नहीं कर सकता, कोई भी उसका भयानक कोप नहीं सह सकता। उसका क्रोध आग सा धधकेगा। जब वह पधारेगा तब चट्टानें चटकेंगी।
7. यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है।
8. किन्तु वह अपने शत्रुओं को पूरी तरह नष्ट कर देगा। वह उन्हें बाढ़ के समान बहा कर ले जायेगा। अंधकार के बीच वह अपने शत्रुओं का पीछा करेगा।
9. क्या तुम यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रच रहे हो वह तेरा अंत कर देगा। फिर और कोई दूसरी बार कभी यहोवा का विरोध नहीं करेगा!
10. तुम्हारे शत्रु उलझे हुये काँटों से नष्ट होंगे। वे सूखी घास जैसे शीघ्र जल जायेंगे।
11. हे अश्शूर, एक व्यक्ति तुझसे ही अया है। जिसने यहोवा के विरोध में षड़यंत्र रचे और उसने पाप पूर्ण सलाहें प्रदान कीं।
12. यहोवा ने यहूदा से यह बातें कहीं थी: “अश्शूर की जनता पूर्ण शक्तिशाली है। उनके पास बहुतेरे सैनिक हैं। किन्तु उन सब को ही काट फेंका जायेगा। सब का अंत किया जायेगा। हे मेरे लोगों, मैंने तुमको बहुतेरे कष्ट दिये किन्तु अब आगे तुम्हें और कष्ट नहीं दूँगा।
13. मैं अब तुम्हें अश्शूर की शक्ति से मुक्त करूँगा। तुम्हारे कन्धे से मैं वह जुआ उतार दूँगा। तुम्हारी जंजीरे जिनमें तुम बंधे हो मैं अब तोड़ दूँगा।”
14. हे अश्शूर के राजा, तेरे विषय में यहोवा ने यह आदेश दिया है: “तेरा नाम ले ऐसा कोई भी वंशज न रहेगा। तेरी खुदी हुई मूर्तियाँ और धातु की मूर्तियाँ मैं नष्ट कर दूँगा जो तेरे देवताओं के मन्दिरों में रखे हुए हैं। मैं तेरे लिये कब्र बना रहा हूँ क्योंकि तेरा अंत आ रहा है।”
15. देख यहूदा! देख वहाँ, पहाड़ के ऊपर से कोई आ रहा है, कोई हरकारा सुसंदेश लेकर आ रहा है! देखो वह कह रहा है कि यहाँ पर शांति है! यहूदा, तू अपने विशेष अवकाश दिवस मना ले। यहूदा, तू अपनी मन्रते मना ले। अब फिर कभी दुर्जन तुझ पर वार न करेंगे और वे तुझको हरा नहीं पायेंगे। उन सभी दुर्जनों का अन्त कर दिया गया है!

      Nahum (1/3)