Micah (3/7)  

1. फिर मैंने कहा, “हे याकूब के मुखियाओं, अब सुनो। हे इस्राएल के प्रजा के शासकों, अब सुनो। तुमको जानना चाहिये कि न्याय क्या होता है!
2. किन्तु तुमको नेकी से घृणा है और तुम लोगों की खाल तक उतार लेते हो। तुम लोगों की हड्डियों से माँस नोंच लेते हो!
3. तुम मेरे लोगों को नष्ट कर रहे हो! तुम उनकी खाल तक उनसे उतार रहे हो और उनकी हड्डियाँ तोड़ रहे हो। तुम उनकी हड्डियाँ ऐसे तोड़ रहे हो जैसे हांडी में माँस चढ़ाने के लिये।
4. तुम यहोवा से विनती करोगे किन्तु वह तुम्हें उत्तर नहीं देगा। नहीं, यहोवा अपना मुख तुमसे छुपायेगा। क्यों क्योंकि तुमने बुरे कर्म किये हैं।”
5. झूठे नबी यहोवा के लोगों को जीवन की उलटी रीति सीखाते हैं। यहोवा उन झूठे नबियों के विषय में यह कहता है: “यदि लोग इन नबियों को खाने को देते हैं, तो वे चिल्लाकर कहते हैं, तुम्हारे संग शान्ति हो, किन्तु यदि लोग उन्हें खाने को नहीं देते तो वे सेना को उनके विरूद्ध युद्ध करने को प्रेरित करते हैं।
6. “इसलिये यह तुम्हारे लिये रात सा होगा। तुम कोई दर्शन नहीं देख पाओगो। भविष्य के गर्त में जो छिपा है, तुम बता नहीं पाओगे। इसलिये यह तुमको अन्धेरे जैसा लगेगा। नबियों पर सूर्य छिप जायेगा और उनके ऊपर दिन काला पड़ जायेगा।
7. “भविष्य के दृष्टा लज्जित हो जायेंगे। वे लोग, जो भविष्य देखते हैं, उनके मुँह काले हो जायेंगे। हाँ, वे सभी अपना मुँह बन्द कर लेंगे। क्यों क्योंकि वहाँ परमेश्वर की ओर से कोई उत्तर नहीं होगा!”
8. किन्तु यहोवा की आत्मा ने मुझको शक्ति, नेकी, और सामर्थ्य से भर दिया था। मैं याकूब को उसके पाप बतलाऊँगा। हाँ, मैं इस्राएल को उसके पापों के विषय में कहूँगा!
9. हे याकूब के मुखियाओं, इस्राएल के शासकों तुम मेरी बात सुनो! तुम खरी राहों से घृणा करते हो! यदि कोई वस्तु सीधी हो तो तुम उसे टेढ़ी कर देते हो!
10. तुमने सिय्योन का निर्माण लोगों की हत्या करके किया। तुमने यरूशलेम को पाप के द्वारा बनाया था!
11. यरूशलेम के न्यायाधीश उनके पक्ष में जो न्यायालय में जीतेगा, निर्णर्य देने के लिए घूस लिया करते हैं। यरूशलेम के याजकों को धन देना पड़ता है, इसके पहले कि वे लोगों को सीख दें। लोगों को नबियों को धन देना पड़ता है। इसके पहले कि वे भविष्य में झाँकें और फिर भी वे मुखिया सोचते हैं कि उन पर कोई दण्ड नहीं पड़ सकता। वे सोचा करते हैं, यहोवा उनको बचा लेगा और वे कहते हैं, “यहोवा हमारे बीच रहता है। इसलिए हमारे साथ कोई बुरी बात घट नहीं सकती है।”
12. हे मुखियाओं, तुम्हारे ही कारण सिय्योन का विनाश होगा। यह किसी जुते हुए खेत सा सपाट हो जायेगा। यरूशलेम पत्थरों का टीला बन जाएगा और मन्दिर का पर्वत झाड़ियों से ढ़का हुआ एक सूनी पहाड़ी होगा।

  Micah (3/7)