Joshua (19/24)  

1. यहोशू ने शिमोन के परिवार के हर एक परिवारह समूह को उनकी भूमि दी। यह भूमि, जो उन्हें मिली, यहूदा के अधिकार—क्षेत्र के भीतर थी।
2. यह वह भूमि थी जो उन्हें मिलीः बेर्शेबा(शेबा), मोलादा,
3. हसर्शूआल, बाला, एसेम,
4. एलतोलद, बतूल, होर्मा,
5. सिक्लग, बेत्मकर्काबोत, हसर्शूसा,
6. बेतलबाओत और शारूहने। ये तेरह नगर और उनके सारे खेत शिमोन के थे।
7. उनको ऐन, रिम्मोन, एतेर और आशान नगर भी मिले। ये चार नगर अपने सभी खेतों के साथ थे।
8. उन्होंने वे सारे खेत नगरों के साथ पाए जो बालत्बेर तक फैले थे। (यह नेगव क्षेत्र में रामा ही है।) इस प्रकार यह वह प्रदेश था, जो शिमोनी लोगों के परिवार समूह को दिया गया। हर एक ने इस भूमि को प्राप्त किया।
9. शिमोनी लोगों की भूमि यहूदा के प्रदेश के भाग से ली गई थी। यहूदा के पास उन लोगों की आवश्यकता से अधिक भूमि थी। इसलिए शिमोनी लोगों को उनकी भूमि का भाग मिला।
10. दूसरा परिवार समूह जिसे अपनी भूमि मिली वह जबूलून था। जबूलून के हर एक परिवार समूह ने दिये गए वचन के अनुसार भूमि पाई। जबूलून की सीमा सारीद तक जाती थी।
11. फिर वह पश्चिम में मरला से होती हुई गई और दब्बेशेत के क्षेत्र के निकट तक पहुँचती थी। तब यह सीमा संकरी घाटी से होते हुए योकनाम के क्षेत्र तक जाती थी।
12. तब यह सीमा पूर्व की ओर मुड़ी थी। यह सारीद से किसलोत्ताबोर के क्षेत्र तक पहुँचती थी। तब यह सीमा दाबरत और यापी तक चलती गई थी।
13. तब सीमा पूर्व में गथेपेर और इत्कासीन तक लगातार थी। यह सीमा रिम्मोन पर समाप्त हुई। तब सीमा मुड़ी और नेआ तक गई।
14. नेआ पर फिर सीमा मुड़ी और उत्तर की ओर गई। यह सीमा हन्नातोन तक पहुँची और लगातार यिप्तहेल की घाटी तक गई।
15. इस सीमा के भीतर कत्तात, नहलाल, शिम्रोन यिदला और बेतलेहेम नगर थे। सब मिलाकर ये बारह नगर अपने खेतों के साथ थे।
16. अत: ये नगर और क्षेत्र हैं जो जबूलून को दिये गए। जबूलून के हर एक परिवार समूह ने इस भूमि को प्राप्त किया।
17. इस्साकार के परिवार समूह को चौथे हिस्से की भूमि दी गई। उस परिवार समूह में हर एक परिवार ने कुछ भूमि पाई।
18. उस परिवार समूह को जो भूमि दी गई थी वह यह है: यिज्रेल, कसुल्लोत, शूनेम
19. हपारैम, सीओन, अनाहरत,
20. रब्बीत, किश्योन, एबेस,
21. रेमेत, एनगन्नीम, एन हददा और बेतपस्सेस।
22. उनके प्रदेश की सीमा ताबोरशहसूमा और बेतशेमेश को छूती थी। यह सीमा यरदन नदी पर समाप्त होती थी। सब मिलाकर सोलह नगर और उनके खेत थे।
23. ये नगर और कस्बे इस्साकार परिवार समूह को दिये गए प्रदेश के भाग थे। हर एक परिवार ने इस प्रदेश का भाग प्राप्त किया।
24. आशेर के परिवार समूह को पाँचवें भाग का प्रदेश दिया गया। इस परिवार समूह के प्रत्येक परिवार को कुछ भूमि मिली।
25. उस परिवारसमूह को जो भूमि दी गई वह यह हैः हेल्कत, हली, बेतेन, अक्षाप,
26. अलाम्मेल्लेक, अमाद और मिशाल। पश्चिमी सीमा लगातार कर्म्मेल पर्वत और शीहोलिब्नात तक थी।
27. तब सीमा पूर्व की ओर मुड़ी। यह सीमा बेतदागोन तक गई। यह सीमा जबूलून और यिप्तहेल की घाटी को छू रही थी। तब यह सीमा बेतेमेक और नीएल के उत्तर को गई थी। यह सीमा काबूल के उत्तर से गई थी।
28. तब यह सीमा एब्रोन, रहोब, हम्मोन और काना को गई थी। यह सीमा लगातार बड़े सीदोन क्षेत्र तक चली गई थई।
29. तब यह सीमा दक्षिण की ओर मुड़ी रामा तक गई। यह सीमा लगातार शक्तिशाली नगर सोर तक गई थी। तब यह सीमा मुड़ती हई होसा तक जाती थी। यह सीमा अकजीब,
30. उम्मा, अपेक और रहोब के क्षेत्र में सागर पर समाप्त होती थी। सब मिलाकर वहाँ बाईस नगर और उनके खेत थे।
31. ये नगर व उनके खेत आशेर परिवार समूह को दिये गए प्रदेश के भाग थे। उस परिवार समूह में हर एक परिवार ने इस भूमि का कुछ भाग पाया।
32. नप्ताली के परिवार समूह को इस प्रदेश के छठे भाग की भूमि मिली। इस परिवार समूह के हर एक परिवार ने उस प्रदेश की कुछ भूमि पाई।
33. उनके प्रदेश की सीमा सानन्नीम के क्षेत्र में विशाल वृक्ष से आरम्भ हुई। यह हेलेप के निकट है। तब यह सीमा अदामी ने केब और यब्नेल से होकर गई। यह सीमा लक्कूम पर समाप्त हुई।
34. तब यह सीमा पश्चिम को अजनोत्ताबोर होकर गई। यह सीमा हुक्कोक पर समाप्त हुई। यह सीमा दक्षिण को जबूलून क्षेत्र तक गई थी। यह सीमा पश्चिम में आशेर के क्षेत्र तक पहुँचती थी। यह सीमा पूर्व में यरदन नदी पर यहूदा को जाती थी।
35. इस सीमा के भीतर कुछ बहुत शक्तिशाली नगर थे। ये नगर सिद्दीम, सेर, हम्मत, रक्कत, किन्नेरेत,
36. अदामा, रामा, हासोर,
37. केदेश, एद्रेई, अन्हासेर,
38. यिरोन, मिगदलेल, होरेम, बेतनात और बेतशेमेश थे। सब मिलाकर वहाँ उन्नीस नगर और उनके खेत थे।
39. ये नगर और उनकी चारों ओर के कस्बे उस प्रदेश में थे, जो नप्ताली के परिवार समूह को दिया गया था। उस परिवार समूह के हर एक परिवार ने इस भूमि का कुछ भाग पाया।
40. तब दान के परिवार समूह को भूमि दी गई। उस परिवार समूह के हर एक परिवार ने इस भूमि का कुछ भाग पाया।
41. उनको जो प्रदेश दिया गया वह यह है: सोरा, एशताओल, ईरशेमेश,
42. शालब्बीन, अय्यालोन, यितला,
43. एलोन, तिम्ना, एक्रोन,
44. एलतके, गिब्बतोन, बालात,
45. यहूद, बेनेबराक, गत्रिम्मोन,
46. मेयकर्कोन, रक्कोन और यापो के निकट का क्षेत्र।
47. किन्तु दान के लोगों को अपना प्रदेश लेने में परेशानी उठानी पड़ी। वहाँ शक्तिशाली शत्रु थे और दान के लोग उन्हें सरलता से पराजित नहीं कर सकते थे। इसलिए दान के लोग गए और लेशेम के विरूद्ध लड़े। उन्होंने लेशेम को पराजित किया तथा जो लोग वहाँ रहते थे, उन्हें मार डाला। इसलिए दान के लोग लेशेम नगर में रहे। उन्होंने उसका नाम बदल कर दान कर दिया क्योंकि यह नाम उनके परिवार समूह के पूर्वज का था।
48. ये सभी नगर और खेत उस प्रदेश में थे जो दान के परिवार समूह को दिया गया था। हर एक परिवार को इस भूमि का भाग मिला।
49. इस प्रकार प्रमुखों ने प्रदेश का बँटवारा करना और विभिन्न परिवार समूहों को उन्हें देना पूरा किया। जब उन्होंने वह पूरा कर लिया तब इस्राएल के सब लोगों ने नून के पुत्र यहोशू को भी कुछ प्रदेश देने का निश्चय किया। ये वही प्रदेश थे जिन्हें उसको देने का वचन दिया गया था।
50. यहोवा ने आदेश दिया कि उसे यह प्रदेश मिले। इसलिए उन्होंने एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में यहोशू को विम्नत्सेरह नगर दिया। यही वह नगर था, जिसके लिये यहोशू ने कहा था कि मैं उसे चाहता हूँ। इसलिए यहोशू ने उस नगर को अधिक दृढ़ बनाया और वह उसमें रहने लगा।
51. इस प्रकार ये सारे प्रदेश इस्राएल के विभिन्न परिवार समूह को दिये गए। प्रदेश का बँटवारा करने के लिये शिलो में याजक एलीआज़र नून का पुत्र यहोशू और हर एक परिवार समूह के प्रमुख एकत्र हुए। वे यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठे हुए थे। इस प्रकार उन्होंने प्रदेश का विभाजन पूरा कर लिया था।

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