Jeremiah (40/52)  

1. रामा नगर में स्वतन्त्र किये जाने के बाद यिर्मयाह को यहोवा का सन्देश मिला। बाबुल के राजा के विशेष रक्षकों के अधिनायक नबूजरदान को यिर्मयाह रामा में मिला। यिर्मयाह जंजीरों में बंधा था। वह यरूशलेम और यहूदा के सभी बन्दियों के साथ था। वे बन्दी बाबुल को बन्धुवाई में ले जाए जा रहे थे।
2. जब अधिनायक नबूजरदान को यिर्मयाह मिला तो उसने उससे बातें कीं। उसने कहा, “यिर्मयाह तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने यह घोषित किया था कि यह विपत्ति इस स्थान पर आएगी
3. और अब यहोवा ने सब कुछ वह कर दिया है जिसे उसने करने को कहा था। यह विपत्ति इसलिये आई कि यहूदा के लोगों, तुमने यहोवा के विरुद्ध पाप किये। तुम लोगों ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।
4. किन्तु यिर्मयाह, अब मैं तुम्हें स्वतन्त्र करता हूँ। मैं तुम्हारी कलाइयों से जंजीर उतार रहा हूँ। यदि तुम चाहो तो मेरे साथ बाबुल चलो और मैं तुम्हारी अच्छी देखभाल करूँगा। किन्तु यदि तुम मेरे साथ चलना नहीं चाहते तो न चलो। देखो पूरा देश तुम्हारे लिये खुला है। तुम जहाँ चाहो जाओ।
5. अथवा शापान के पुत्र अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास लौट जाओ। बाबुल के राजा ने यहूदा के नगरों का प्रशासक गदल्याह को चुना है। जाओ और गदल्याह के साथ लोगों के बीच रहो या तुम जहाँ चाहो जा सकते हो।” तब नबूजरदान ने यिर्मयाह को कुछ भोजन और भेंट दिया तथा उसे विदा किया।
6. इस प्रकार यिर्मयाह अहीकाम के पुत्र गदल्याह के पास मिस्पा गया। यिर्मयाह गदल्याह के साथ उन लोगों के बीच रहा जो यहूदा देश में छोड़ दिये गए थे।
7. यहूदा की सेना के कुछ सैनिक, अधिकारी और उनके लोग, जब यरूशलेम नष्ट हो रहा था, खुले मैदान में थे। उन सैनिकों ने सुना कि अहीकाम के पुत्र गदल्याह को बाबुल के राजा ने प्रदेश में बचे लोगों का प्रशासक नियुक्त किया है। बचे हुए लोगों में वे सभी स्त्री, पुरुष और बच्चे थे जो बहुत अधिक गरीब थे और बन्दी बनाकर बाबुल नहीं पहुँचाये गए थे।
8. अत: वे सैनिक गदल्याह के पास मिस्पा में आए। वे सैनिक नतन्याह का पुत्र इश्माएल, योहानान और उसका भाई योनातान, कारेह के पुत्र तन्हूसेत का पुत्र सरायाह, नतोपावासी एपै के पुत्र माकावासी का पुत्र याजन्याह और उनके साथ के पुरुष थे।
9. शापान के पुत्र अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने उन सैनिकों और उनके लोगों को अधिक सुरक्षित अनुभव कराने की शपथ खाई। गदल्याह ने जो कहा, वह यह है: “सैनिकों तुम लोग कसदी लोगों की सेवा करने से भयभीत न हो। इस प्रदेश में बस जाओ और बाबुल के राजा की सेवा करो। यदि तुम ऐसा करोगे तो तुम्हारा सब कुछ भला होगा।
10. मैं स्वयं मिस्पा में रहूँगा। मैं उन कसदी लोगों से तुम्हारे लिये बातें करूँगा जो यहाँ आएंगे। तुम लोग यह काम मुझ पर छोड़ो। तुम्हें दाखमधु ग्रीष्म के फल और तेल पैदा करना चाहिये। जो तुम पैदा करो उसे अपने इकट्ठा करने के घड़ों में भरो। उन नगरों में रहो जिस पर तुमने अधिकार कर लिया है।”
11. यहूदा के सभी लोगों ने, जो मोआब, अम्मोन, एदोम और अन्य सभी प्रदेशों में थे, सुना कि बाबुल के राजा ने यहूदा के कुछ लोगों को उस देश में छोड़ दिया है और उन्होंने यह सुना कि बाबुल के राजा ने शापान के पौत्र एवं अहीकाम के पुत्र गदल्याह को उनका प्रशासक नियुक्त किया है।
12. जब यहूदा के लोगों ने यह खबर पाई, तो वे यहूदा प्रदेश में लौट आए। वे गदल्याह के पास उन सभी देशों से मिस्पा लौटे, जिनमें वे बिखर गए थे। अत: वे लौटे और उन्होंने दाखमधु और ग्रीष्म फलों की बड़ी फसल काटी।
13. कारेह का पुत्र योहानान और यहूदा की सेना के सभी अधिकारी, जो अभी तक खुले प्रदेशों में थे, गदल्याह के पास आए। गदल्याह मिस्पा नगर में था।
14. योहानान और उसके साथ के अधिकारियों ने गदल्याह से सहा, “क्या तुम्हें मालूम है कि अम्मोनी लोगों का राजा बालीस तुम्हें मार डालना चाहता है उसने नतन्याह के पुत्र इश्माएल को तुम्हें मार डालने के लिये भेजा है।” किन्तु अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने उन पर विश्वास नहीं किया।
15. तब कारेह के पुत्र योहानान ने मिस्पा में गदल्याह से गुप्त वार्ता की। योहानान ने गदल्याह से कहा, “मुझे जाने दो और नतन्याह के पुत्र इश्माएल को मार डालने दो। कोई भी व्यक्ति इस बारे में नहीं जानेगा। हम लोग इश्माएल को तुम्हें मारने नहीं देंगे। वह यहूदा के उन सभी लोगों को जो तुम्हारे पास इकट्ठे हुए हैं, विभिन्न देशों में फिर से बिखेर देगा और इसका यह अर्थ होगा कि यहूदा के थोड़े से बचे—खुचे लोग भी नष्ट हो जायेंगे।”
16. किन्तु अहीकाम के पुत्र गदल्याह ने कारेह के पुत्र योहानान से कहा, “इश्माएल को न मारो। इश्माएल के बारे में जो तुम कह रहे हो, वह सत्य नहीं है।”

  Jeremiah (40/52)