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1. | सर्गोन अश्शूर का राजा था। सर्गोन ने तर्तान को नगर के विरुद्ध युद्ध करने के लिए अशदोद भेजा। तर्तान ने वहाँ जा कर नगर पर कब्जा कर लिया। |
2. | उस समय आमोस के पुत्र यशायाह के द्वारा यहोवा ने कहा, “जा, और अपनी कमर से शोक वस्त्र उतार फेंक। अपने पैरों की जूतियाँ उतार दे।” यशायाह ने यहोवा की आज्ञा का पालन किया और वह बिना कपड़ों और बिना जूतों के इधर—उधर घूमा। |
3. | फिर यहोवा ने कहा, “यशायाह तीन साल तक बिना कपड़ों और बिना जूतियाँ पहने इधर—उधर घूमता रहा है। मिस्र और कूश के लिए यह एक संकेत है कि |
4. | अश्शूर का राजा मिस्र और कूश को हरायेगा। अश्शूर वहाँ के बंदियों को लेकर, उनके देशों से दूर ले जायेगा। बूढ़े व्यक्ति और जवान लोग बिना कपड़ों और नंगे पैरों ले जाये जायेंगे। वे पूरी तरह से नंगे होंगे। मिस्र के लोग लज्जित होंगे। |
5. | जो लोग सहायता के लिये कूश की ओर देखा करते थे, वे टूट जायेंगे। जो लोग मिस्र की महिमा से चकित थे वे लज्जित होंगे।” |
6. | समुद्र के पास रहने वाले, वे लोग कहेंगे, “हमने सहायता के लिये उन देशों पर विश्वास किया। हम उनके पास दौड़े गये ताकि वे हमें अश्शूर के राजा से बचा लें किन्तु उन देशों को देखो कि उन देशों पर ही जब कब्जा कर लिया गया तब हम कैसे बच सकते थे” |
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