Ezra (5/10)  

1. तब हाग्गै नबी और इद्दो के पुत्र जकर्याह ने इस्राएल के परमेश्वर के नाम पर भविष्यवाणी करनी आरम्भ की। उन्होंने यहूदा और यरूशलेम में यहूदियों को प्रोत्साहित किया।
2. अतःशालतीएल का पुत्र जरूब्बाबेल और योसादाक का पुत्र येशु ने फिर यरूशलेम में मन्दिर का निर्माण करना आरम्भ कर दिया। सभी परमेश्वर के नबी उनके साथ थे और कार्य में सहायता कर रहे थे।
3. उस समय फरात नदी के पश्चिम के क्षेत्र का राज्यपाल तत्तनै था। तत्तनै, शतर्बोजनै और उनके साथ के लोग जरूब्बाबेल और येशु ताथ निर्माण करने वालों के पास गए। तत्तनै और उसके साथ के लोगों ने जरूब्बाबेल और उसके साथ के लोगों से पूछा, “तुम्हें इस मन्दिर को फिर से बनाने और इस की छत का काम पूरा करने का आदेश किसने दिया?”
4. उन्होंने जरूब्बाबेल से यह भी पुछा, “जो लोग इस इमारत को बनाने का काम रहे हैं उनके नाम क्या हैं?”
5. किन्तु परमेश्वर यहूदी प्रमुखों पर दृष्टि रख रहा था। निर्माण करने वालों को तब तक काम नहीं रोकना पड़ा जब तक उसका विवरण राजा दारा को न भेज दिया गया। वे तब तक काम करते रहे जब तक राजा दारा ने अपना उत्तर वापस नहीं भेजा।
6. फ़रात के पश्चिम के क्षेत्रों के शासनाधिकारी तत्तनै, शतर्बोजनै और उनके साथ के महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने राजा दारा के पास पत्र भेजा।
7. यह उस पत्र की प्रतिलिपि है: राजा दारा को अभिवादन
8. राजा दारा, आपको ज्ञात होना चाहिए कि हम लोग यहूदा प्रदेश में गए। हम लोग महान परमेश्वर के मन्दिर को गए। यहूदा के लोग उस मन्दिर को बड़े पत्थरों से बना रहे हैं। वे दीवरों में लकड़ी की बड़ी—बड़ी शहतीरें डाल रहे हैं। काम बड़ी सावधानी से किया जा रहा है, और यहूदा के लोग बहुत परिश्रम कर रहे हैं। वे बड़ी तेज़ी से निर्माण कार्य कर रहे हैं और यह शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।
9. हम लोगों ने उनके प्रमुखों से कुछ प्रश्न उनके निर्माण कार्य के बारे में पूछा। हम लोगों ने उनसे पूछा, “तुम्हें इस मन्दिर को फिर से बनाने और इस की छत का काम पूरा करने की स्वीकृति किसने दी है?”
10. हम लोगों नें उनके नाम भी पूछे। हम लोगों ने उन लोगों के प्रमुखों के नाम लिखना चाहा जिससे आप जान सकें कि वे कौन लोग हैं।
11. उन्होंने हमें यह उत्तर दिया: “हम लोग स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर के सेवक हैं। हम लोग उसी मन्दिर को बना रहे हैं जिसे बहुत वर्ष पहले इस्राएल के एक महान राजा ने बनाया और पूरा किया था।
12. किन्तु हमारे पूर्वजों ने स्वर्ग के परमेश्वर को क्रोधित किया। इसलिये परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर को दिया। नबूकदनेस्सर ने इस मन्दिर को नष्ट किया और उसने लोगों को बन्दी के रूप में बाबेल जाने को विवश किया।
13. किन्तु बाबेल पर कुस्रू के राजा होने के प्रथम वर्ष में राजा कुस्रू ने परमेश्वर के मन्दिर को फिर से बनाने के लिए विशेष आदेश दिया।
14. कुस्रू ने बाबेल में अपने असत्य देवता के मन्दिर से उन सोने चाँदी की चीज़ों को निकाला जो भूतकाल में परमेश्वर के मन्दिर से लूट कर ले जाई गइ थीं। नबूकदनेस्सर ने उन चीज़ों को यरूशलेम के मन्दिर से लूटा और उन्हें बाबेल में अपने असत्य देवताओं के मन्दिर में ले आया। तब राजा कुस्रू ने उन सोने चाँदी की चीजों को शेशबस्सर (जरूब्बाबेल) को दे दिया।” कुस्रू ने शेशबस्सर को प्रशासक चुना था।
15. कुस्रू ने तब शेशबस्सर (जरूब्बाबेल) से कहा था, “इन सोने चाँदी की चीज़ों को लो और उन्हें यरूशलेम के मन्दिर में वापस रखो। उसी स्थान पर परमेश्वर के मन्दिर को बनाओ जहाँ वह पहले था।”
16. अत: शेशबस्सर (जरूब्बाबेल) आया और उसने यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर की नींव का काम पूरा किया। उस दिन से आज तक मन्दिर के निर्माण का काम चलता आ रहा है। किन्तु यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
17. अब यदि राजा चाहते हैं तो कृपया वे राजाओं के लेखों को खोजें। यह देखने के लिए खोज करें कि क्या राजा कुस्रू द्वारा यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर को फिर से बनाने का दिया गया आदेश सत्य है और तब, महामहिम, कृपया आप हम लोगों को पत्र भेजें जिससे हम जान सकें कि आपने इस विषय में क्या करने का निर्णय लिया है।

  Ezra (5/10)