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1. | यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, |
2. | “मनुष्य के पुत्र, अम्मोन के लोगों पर ध्यान दो और मेरे लिये उनके विरुद्ध कुछ कहो। |
3. | अम्मोन के लोगो से कहो: ‘मेरे स्वामी यहोवा का कथन सुनो! मेरा स्वामी यहोवा कहता है: तुम तब प्रसन्न थे जब मेरा पवित्र स्थान नष्ट हुआ था। तुम लोग तब इस्राएल देश के विरुद्ध थे जब यह दूषित हुआ था। तुम यहूदा के परिवार के विरुद्ध थे जब वे लोग बन्दी बनाकर ले जाए गए। |
4. | इसलिये मैं तुम्हें, पूर्व के लोगों को दूँगा। वे तुम्हारी भूमि लेंगे। उनकी सेनायें तुम्हारे देश में अपना डेरा डालेंगी। वे तुम्हारे बीच रहेंगे। वे तुम्हारे फल खाएंगे और तुम्हारा दूध पीएंगे। |
5. | “‘मैं रब्बा नगर को ऊँटों की चरागाह और अम्मोन देश को भेड़ों का बाड़ा बना दूँगा। तब तुम समझोगे कि मैं यहोवा हूँ। |
6. | यहोवा यह कहता है: तुम प्रसन्न थे कि यरूशलेम नष्ट हुआ। तुमने तालियाँ बजाई और पैरों पर थिरके। तुमने इस्राएल प्रदेश को अपमानित करने वाले मज़ाक किये। |
7. | अत: मैं तुम्हें दण्ड दूँगा। तुम वैसी कीमती चीजों की तरह होगे जिन्हें सैनिक युद्ध में पाते हैं। तुम अपना उत्तराधिकार खो दोगे। तुम दूर देशों में मरोगे। मैं तुम्हारे देश को नष्ट करूँगा! तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ।’” |
8. | मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “मोआब और सेईर (एदोम) कहते है, ‘यहूदा का परिवार ठीक किसी अन्य राष्ट्र की तरह है।’ |
9. | मैं मोआब के कन्धे पर प्रहार करूँगा, मैं इसके उन नगरों को लूँगा जो इसकी सीमा पर प्रदेश के गौरव, बेत्यशीमोत, बालमोन और किर्यातैम हैं। |
10. | तब मैं इन नगरों को पूर्व के लोगों को दूँगा। वे तुम्हारा प्रदेश लेंगे और मैं पूर्व के लोगों को अम्मोन को नष्ट करने दूँगा। तब हर एक व्यक्ति भूल जाएगा कि अम्मोन के लोग एक राष्ट्र थे। |
11. | इस प्रकार मैं मोआब को दण्ड दूँगा। तब वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ।” |
12. | मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “एदोम के लोग यहूदा के परिवार के विरुद्ध उठ खड़े हुए और उससे बदला लेना चाहा। एदोम के लोग दोषी है।” |
13. | इसलिये मेरा स्वामी यहोवा कहता है: “मैं एदोम को दण्ड दूँगा। मैं एदोम के लोगों और जानवरों को नष्ट करूँगा। मैं एदोम के पूरे देश को तेमान से ददान तक नष्ट करूँगा। एदोमी युद्ध में मारे जाएंगे। |
14. | मैं अपने लोगों, इस्राएल का उपयोग करूँगा और एदोम के विरुद्ध भी होऊँगा। इस प्रकार इस्राएल के लोग मेरे क्रोध को एदोम के विरुद्ध प्रकट करेंगे। तब एदोम के लोग समझेंगे कि मैंने उनको दण्ड दिया।” मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा। |
15. | मेरे स्वामी यहोवा ने यहा कहा, “पलिश्तियों ने भी बदला लेने का प्रयत्न किया। वे बहुत क्रूर थे। उन्होंने अपने क्रोध को अपने भीतर अत्याधिक समय तक जलते रखा।” |
16. | इसलिये मेरे स्वामी यहोवा ने कहा, “मैं पलिश्तियों को दण्ड दूँगा। हाँ, मैं करेत से उन लोगों को नष्ट करूँगा। मैं समुद्र—तट पर रहने वाले उन लोगों को पूरी तरह नष्ट करुँगा। |
17. | मैं उन लोगों को दण्ड दूँगा, मैं उनसे बदला लूँगा। मैं अपने क्रोध द्वारा उन्हें एक सबक सिखाऊँगा तब वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ!” |
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