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1. | इसलिये यहोवा का वचन मुझे फिर मिला। उसने कहा, |
2. | “मनुष्य के पुत्र, यरूशलेम की ओर ध्यान दो और उसके पवित्र स्थानों के विरुद्ध कुछ कहो। मेरे लिये इस्राएल देश के विरुद्ध कुछ कहो। |
3. | इस्राएल देश से कहो, ‘यहोवा ने ये बातें कहीं हैं: मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ! मैं अपनी तलवार म्यान से बाहर निकालूँगा! मैं सभी लोगों को तुमसे दूर करुँगा, अच्छे और बुरे दोनों को! |
4. | मैं अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के व्यक्तियों को तुमसे अलग करुँगा। मैं अपनी तलवार म्यान से निकालूँगा और दक्षिण से उत्तर तक के सभी लोगों के विरुद्ध उसका उपयोग करुँगा। |
5. | तब सभी लोग जानें कि मैं यहोवा हूँ और वे जान जाएंगे कि मैंने अपनी तलवार म्यान से निकाल ली है। मेरी तलवार म्यान में फिर तब तक नहीं लौटेगी जब तक यह खत्म नहीं कर लेती।’ |
6. | परमेश्वर ने मुझसे कहा, “मनुष्य के पुत्र, टूटे हृदय वाले व्यक्ति की तरह सिसको। लोगों के सामने कराहो। |
7. | तब वे तुमसे पूछेंगे, ‘तुम कराह क्यों रहे हो’ तब तुम्हें कहना चाहिये, ‘कष्टदायक समाचार मिलने वाला है, इसलिये। हर एक हृदय भय से पिघल जाएगा। सभी हाथ कमजोर हो जाएंगे। हर एक अन्तरात्मा कमज़ोर हो जाएगी। हर एक घुटने पानी जैसे हो जाएंगे।’ ध्यान दो, वह बुरा समाचार आ रहा है! ये घटनायें घटित होंगी।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। |
8. | परमेश्वर का वचन मुझे मिला। उसने कहा, |
9. | “मनुष्य के पुत्र, मेरे लिये लोगों से बातें करो। ये बातें कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘ध्यान दो, एक तलवार, एक तेज तलवार है, और तलवार झलकाई गई है। |
10. | तलवार को जान लेने के लिये तेज किया गया था। बिजली के समान चकाचौंध करने के लिये इसको झलकाया गया था। मेरे पुत्र, तुम उस छड़ी से दूर भाग गये जिससे मैं तुम्हें दण्ड देता था। तुमने उस लकड़ी की छड़ी से दण्डित होने से इन्कार किया। |
11. | इसलिये तलवार को झलकाया गया है। अब यह प्रयोग की जा सकेगी। तलवार तेज़ की गई और झलकाई गई थी। अब यह मारने वाले के हाथों में दी जा सकेगी। |
12. | “‘मनुष्य के पुत्र, चिल्लाओ और चीखो। क्यों क्योंकि तलवार का उपयोग मेरे लोगों और इस्राएल के सभी शासकों के विरुद्ध होगा! वे शासक युद्ध चाहते थे, इसलिये वे हमारे लोगों के साथ तब होंगे जब तलवार आएगी! इसलिये अपनी जांघे पीटो और अपना दुःख प्रकट करने के लिये शोर मचाओ! |
13. | क्यों क्योंकि यह परीक्षा मात्र नहीं है! तुमने लकड़ी की छड़ी से दण्डित होने से इन्कार किया अत: उसके अतिरिक्त तुम्हें दण्डित करने के लिये मैं क्या उपयोग में लाऊँ हाँ, तलवार ही।’” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। |
14. | परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य के पुत्र, तालियाँ बजाओ और मेरे लिये लोगों से ये बातें करो: “दो बार तलवार को वार करने दो, हाँ, तीन बार! यह तलवार लोगों को मारने के लिये है! यह तलवार है, बड़े नर—संहार के लिये! यह तलवार लोगों को धार पर रखेगी। |
15. | उनके हृदय भय से पिघल जाएंगे और बहुत से लोग गिरेंगे। बहुत से लोग अपने नगर—द्वार पर मरेंगे। हाँ, तलवार बिजली की तरह चमकेगी। ये लोगों को मारने के लिये झलकाई गई है! |
16. | तलवार, धारदार बनो! तलवार दायें काटो, सीधे सामने काटो, बायें काटो, जाओ हर एक स्थान में जहाँ तुम्हारी धार, जाने के लिये चुनी गई! |
17. | “तब मैं भी ताली बजाऊँगा और मैं अपना क्रोध प्रकट करना बन्द कर दूँगा। मैं यहोवा, कह चुका हूँ!” |
18. | यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, |
19. | “मनुष्य के पुत्र, दो सड़कों के नक्शे बनाओ। जिन में से बाबुल के राजा की तलवार इस्राएल आने के लिये एक को चुन सके। दोनों सड़कें उसी बाबुल देश से निकलेंगी। तब नगर को पहुँचने वाली सड़क के सिरे पर एक चिन्ह बनाओ। |
20. | चिन्ह का उपयोग यह दिखाने के लिये करो कि कौन — सी सड़क का उपयोग तलवार करेगी। एक सड़क अम्मोनी नगर रब्बा को पहुँचाती है। दूसरी सड़क यहूदा, सुरक्षित नगर, यरूशलेम को पहुँचाती है! |
21. | यह स्पष्ट करता है कि बाबुल का राजा उस सड़क की योजना बना रहा है जिससे वह उस क्षेत्र पर आक्रमण करे। बाबुल का राजा उस बिन्दु पर आ चुका है जहाँ दोनों सड़कें अलग होती हैं। बाबुल के राजा ने जादू के संकेतों का उपयोग भविष्य को जानने के लिये किया है। उसने कुछ बाण हिलाये, उसने परिवार की देवमूर्तियों से प्रश्न पूछे, उसने गुर्दे को देखा जो उस जानवर का था जिसे उसने मारा था। |
22. | “संकेत उसे बताते हैं कि वह उस दायीं सड़क को पकड़े जो यरूशलेम पहुँचाती है! उसने अपने साथ विध्वंसक लट्ठों को लाने की योजना बनाई है। वह आदेश देगा और उसके सैनिक जान से मारना आरम्भ करेंगे। वे युद्ध—घोष करेंगे। तब वे एक मिट्टी की दीवार नगर के चारों ओर बनायेंगे। वे एक मिट्टी की सड़क दीवार तक पहुँचाने वाली बनाएंगे। वे नगर पर आक्रमण के लिये लकड़ी की मीनार बनाएंगे। |
23. | वे जादूई चिन्ह इस्राएल के लोगों के लिये कोई अर्थ नहीं रखते। वे उन वचनों का पालन करते हैं जो उन्होंने दिये। किन्तु यहोवा उनके पाप याद रखेगा! तब इस्राएली लोग बन्दी बनाए जाएंगे।” |
24. | मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “तुमने बहुत से बुरे काम किये हैं। तुम्हारे पाप पूरी तरह स्पष्ट हैं। तुमने मुझे यह याद रखने को विवश किया कि तुम दोषी हो। अत: शत्रु तुम्हें अपने हाथों में कर लेगा |
25. | और इस्राएल के पापी प्रमुखों, तुम मारे जाओगे। तुम्हारे दण्ड का समय आ पहुँचा है! अब अन्त निकट है!” |
26. | मेरा स्वामी यहोवा यह सन्देश देता है, “पगड़ी उतारो! मुकुट उतारो! परिवर्तन का समय आ पहुँचा है! महत्वपूर्ण प्रमुख नीचे लाए जाएंगे और जो लोग महत्वपूर्ण नहीं है, वे महत्वपूर्ण बनेंगे। |
27. | मैं उस नगर को पूरी तरह नष्ट करुँगा! किन्तु यह तब तक नहीं होगा जब तक उपयुक्त व्यक्ति नया राजा नहीं होता। तब मैं उसे (बाबुल के राजा को) नगर पर अधिकार करने दूँगा।” |
28. | परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य के पुत्र, मेरे लिये लोगों से कहो। वे बातें कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा ये बातें अम्मोन के लोगों और उनके लज्जाजनक देवता से कहता है: “‘ध्यान दो, एक तलवार! एक तलवार अपनी म्यान से बाहर है। तलवार झलकाई गई है! तलवार मारने के लिये तैयार है। बिजली की तरह चमकने के लिये इसको झलकाया गया था! |
29. | “‘तुम्हारे दर्शन व्यर्थ हैं। तुम्हारे जादू तुम्हारी सहायता नहीं करेंगे। यह केवल झूठ का गुच्छा है। अब तलवार पापियों की गर्दन पर है। वे शीघ्र ही मुर्दा हो जाएंगे। उनका अन्त समय आ पहुँचा है। उनके पाप की समाप्ति का समय आ गया है। |
30. | “‘अब तुम तलवार (बाबुल) को म्यान में वापस रखो। बाबेल मैं तुम्हारे साथ न्याय, तुम जहाँ बने हो उसी स्थान पर करुँगा अर्थात् उसी देश में जहाँ तुम उत्पन्न हुए हो। |
31. | मैं तुम्हारे विरुद्ध अपने क्रोध की वर्षा करुँगा। मेरा क्रोध तुम्हें तप्त पवन की तरह जलाएगा। मैं तुम्हें क्रूर व्यक्तियों के हाथों में दूँगा। वे व्यक्ति मनुष्यों को मार डालने में कुशल हैं। |
32. | तुम आग के लिये ईंधन बनोगे। तुम्हारा खून भूमि में गहरा वह जाएगा अर्थात् लोग तुम्हें फिर याद नहीं करेंगे। मैंने अर्थात् यहोवा ने यह कह दिया है!’” |
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