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1. | “तुम्हें आज जो आदेश दे रहा हूँ उसे ध्यान से सुनना और उनका पालन करना चाहिए। क्योंकि तब तुम जीवित रहोगे। तुम्हारी संख्या अधिक से अधिक होती जाएगी। तुम उस देश में जाओगे और उसमें रहोगे जिसे यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया है |
2. | और तुम्हें उस लम्बी यात्रा को याद रखना है जिसे यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने मरुभूमि में चालीस वर्ष तक काराई है। यहोवा तुम्हारी परीक्षा ले रहा था। वह तुम्हें विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि वह तुम्हारे हृदय की बात जाने कि तुम उसके आदेशों का पालन करोगे या नहीं। |
3. | यहोवा ने तुमको विनम्र बनाया और तुम्हें भूखा रहने दिया। तब उसने तुम्हें मन्ना खिलाया, जिसे तुम पहले से नहीं जानते थे, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने कभी नहीं देखा था। यहोवा ने यह क्यों किया? क्योंकि वह चाहता था कि तुम जानो कि केवल रोटी ही ऐसी नहीं है जो लोगों को जीवित रखती है। लोगों का जीवन यहोवा के वचन पर आधारित है। |
4. | इन पिछले चालीस वर्षों में तुम्हारे वस्त्र फटे नहीं और यहोवा ने तुम्हारे पैरों की रक्षा सूजन से भी की। |
5. | इसलिए तुम्हें जानना चाहिए कि यहोवा तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें शिक्षित करने और सुधारने के लिए वह सब वैसे ही किया जैसे कोई पिता अपने पुत्र की शिक्षा के लिए करता है। |
6. | “तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करना चाहिए। उसके बताए मार्ग पर जीवन बिताओ और उसका सम्मान करो। |
7. | यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें एक अच्छे देश में ले जा रहा है, ऐसे देश में जिसमें नदियाँ और पानी के ऐसे सोते हैं जिनसे जमीन से पानी घाटियों और पहाड़ियों में बहता है। |
8. | यह ऐसा देश है जिसमें गेहूँ, जौ, अंगूर की बेलें, अंजीर के पेड़ और अनार होते हैं। यह ऐसा देश है जिसमें जैतून का तेल और शहद होता है। |
9. | वहाँ तुम्हें बहुत अधिक भोजन मिलेगा। तुम्हें वहाँ किसी चीज की कमी नहीं होगी। यह ऐसा देश है जहाँ लोहे की चट्टाने हैं। तुम पहाड़ियों से तांबा खोद सकते हो। |
10. | तुम्हारे खाने के लिए पर्याप्त होगा और तुम संतुष्ट होगे। तब तुम यहोवा अपने परमेश्वर की प्रशंसा करोगे कि उसने तुम्हें ऐसा अच्छा देश दिया। |
11. | “सावधान रहो, यहोवा अपने परमेश्वर को न भूलो। सावधान रहो कि आज मैं जिन आदेशों, विधियों और नियमों को दे रहा हूँ उनका पालन हो। |
12. | तुम्हारे खाने के लिए बहुत अधिक होगा और तुम अच्छे मकान बनाओगे और उनमें रहोगे। |
13. | तुम्हारे गाय, मवेशी और भेड़ों के झुण्ड बहुत बड़े होंगे, तुम अधिक से अधिक सोना और चाँदी पाओगे और तुम्हारे पास बहुत सी चीजें होंगी। |
14. | जब ऐसा होगा तो तुम्हें सावधान रहना चाहिए कि तुम्हें घमण्ड न हो। तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को नहीं भूलना चाहिए। वह तुमको मिस्र से लाया, जहाँ तुम दास थे। |
15. | यहोवा तुम्हें विशाल और भयंकर मरुभूमि से लाया। जहरीले साँप और बिच्छु उस मरुभूमि में थे। जमीन शुष्क थी और कहीं पानी नहीं था। किन्तु यहोवा ने चट्टान के नीचे से पानी दिया। |
16. | मरुभूमि में यहोवा ने तुम्हें मन्ना खिलाया, ऐसी चीज जिसे तुम्हारे पूर्वज कभी नहीं जान सके। यहोवा ने तुम्हारी परिक्षा ली। क्यों? क्योंकि यहोवा तुमको विनम्र बनाना चाहता था। वह चाहता था कि अन्ततः तुम्हारा भला हो। |
17. | अपने मन में कभी ऐसा न सोचो, ‘मैंने यह सारी सम्पत्ति अपनी शक्ति और योग्यता से पाई है।’ |
18. | यहोवा अपने परमेश्वर को याद रखो। याद रखो कि वह ही एक है जो तुम्हें ये कार्य करने की शक्ति देता है। यहोवा ऐसा क्यों करता है? क्योंकि इन दिनों वह तुम्हारे पूर्वजों के साथ की गई वाचा को पूरा कर रहा है। |
19. | “यहोवा अपने परमेश्वर को कभी न भूलो। तुम किसी दूसरे देवता की पूजा या सेवा के लिए उसका अनुसरण न करो! यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं तुम्हें आज चेतावनी देता हूँ तुम निश्चय ही नष्ट कर दिये जाओगे! |
20. | यहोवा तुम्हारे लिए अन्य राष्ट्रों को नष्ट कर रहा है। तुम भी उन्हीं राष्ट्रों की तरह नष्ट हो जाओगे जिन्हें यहोवा तुम्हारे सामने नष्ट कर रहा है। यह होगा क्योंकि तुमने यहोवा अपने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया। |
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