Deuteronomy (18/34)  

1. “लेवी का परिवार समूह इस्राएल में कोई भूमि का भाग नहीं पाएगा। वे लोग याजक के रूप में सेवा करेंगे। वे अपना जीवन यापन उस भेंट को खाकर करेंगे जो आग पर पकेगी और यहोवा को चढ़ाई जाएगी। लेवी के परिवार समूह के हिस्से में वही है।
2. वे लेवीवंशी लोग भूमि का कोई हिस्सा अन्य परिवार समूहों की तरह नहीं पाएंगे। लेवीवंशियों के हिस्से में स्वयं यहोवा है। यहोवा ने इसके लिए उनको वचन दिया है।
3. “जब तुम कोई बैल, या भेड़ बली के लिए मारो तो तुम्हें याजकों को ये भाग देने चाहिएः कंधा, दोनों गाल और पेट।
4. तुन्हें याजकों को अपना अन्न, अपनी नयी दाखमधु और अपनी पहली फसल का तेल देना चाहिए। तुम्हें लेवीवंशियों को अपनी भेड़ों का पहला कटा ऊन देना चाहिए।
5. क्यो? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे सभी परिवार समूहों की देखभाल करता था और उसने लेवी और उनके वंशजों को सदा के लिए याजक के रूप में सेवा करने के लिये चुना है।
6. “लेवीवंशी जो इस्राएल में तुम्हारे नगरों में से किसी में रहता है, अपना घर छोड़ सकता है और यहोवा के विशेष स्थान पर जा सकता है।
7. तब यह लेवीवंशी यहोवा अपने परमेश्वर के नाम पर सेवा कर सकता है। उसे परमेश्वर के विशेष स्थान में वैसे ही सेवा करनी चाहिए जैसे उसके भाई अन्य लेवीवंशी करते हैं।
8. वह लेवीवंशी, अपने परिवार को सामान्य रूप से मिलने वाले हिस्से के अतिरिक्त अन्य लेवीवंशियों के साथ बराबर का हिस्सेदार होगा।
9. “जब तुम उस राष्ट्र में पहुँचो, जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुमको दे रहा है, तब उस राष्ट्र के लोग जो भयंकर काम वहाँ कर रहें हों उन्हें मत सीखो।
10. अपने पुत्रों और पुत्रियों की बलि अपनी वेदी पर आग में न दो। किसी ज्योतिषी से बात करके या किसी जादूगर, डायन या सयाने के पास जाकर यह न सीखो कि भविष्य में क्या होगा?
11. किसी भी व्यक्ति को किसी पर जादू—टोना चलाने का प्रयत्न न करने दो और तुम में से कोई व्यक्ति ओझा या भूतसिद्धक नहीं बनेगा। और कोई व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति से बात करने का प्रयत्न न करेगा जो मर चुका है।
12. यहोवा तुम्हारा परमेश्वर उन लोगों से घृणा करता है जो ऐसा करते हैं। यही कारण है कि वह तुम्हारे सामने इन लोगों को देश छोड़ने को विवश करेगा।
13. तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर पर पूर्ण विश्वास करना चाहिए और उसके प्रति निष्ठावान होना चाहिए।
14. “तुम्हें उन राष्ट्रों के लोगों को बलपूर्वक अपने देश से हटा देना चाहिए। उन राष्ट्रों के लोग ज्योतिषियों और जादूगरों की बात मानते हैं। किन्तु यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें वैसा नहीं करने देगा।
15. यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे पास अपना नबी भेजेगा। यह नबी तुम्हारे अपने ही लोगों में से आएगा। वह मेरी तरह ही होगा। तुम्हें इस नबी की बात माननी चाहिए।
16. यहोवा तुम्हारे पास इस नबी को भेजेगा क्योंकि तुमने ऐसा करने के लिए उससे कहा है। उस समय जब तुम होरेब (सीनै) पर्वत के चारों ओर इकट्ठे हुए थे, तुम यहोवा की आवाज और पहाड़ पर भीषण आग को देखकर भयभीत थे। इसलिए तुमने कहा था, हम लोग यहोवा अपने परमेश्वर की आवाज फिर न सुनें। ‘हम लोग उस भीषण आग को फिर न देखें। हम मर जाएंगे!’
17. “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘वे जो चाहते हैं, वह ठीक है।
18. मैं तुम्हारी तरह का एक नबी उनके लिए भेज दूँगा। यह नबी उन्हीं लोगों में से कोई एक होगा। मैं उसे वह सब बताऊँगा जो उसे कहना होगा और वह लोगों से वही कहेगा जो मेरा आदेश होगा।
19. यह नबी मेरे नाम पर बोलेगा और जब वह कुछ कहेगा तब यदि कोई व्यक्ति मेरे आदेशों को सुनने से इन्कार करेगा तो मैं उस व्यक्ति को दण्ड दूँगा।’
20. “किन्तु कोई नबी कुछ ऐसा कह सकता है जिसे करने के लिए मैंने उसे नहीं कहा है और वह लोगों से कह सकता है कि वह मेरे स्थान पर बोल रहा है। यदि ऐसा होता है तो उस नबी को मार डालना चाहिए या कोई ऐसा नबी हो सकता है जो दूसरे देवताओं के नाम पर बोलता है। उस नबी को भी मार डालना चाहिए।
21. तुम सोच सकते हो, ‘हम कैसे जान सकते हैं कि नबी का कथन, यहोवा का नहीं है?’
22. यदि कोई नबी कहता है कि वह यहोवा की ओर से कुछ कह रहा है, किन्तु उसका कथन सत्य घटित नहीं होता, तो तुम्हें जान लेना चाहिए कि यहोवा ने वैसा नहीं कहा। तुम समझ जाओगे कि यह नबी अपने ही विचार प्रकट कर रहा था। तुम्हें उससे डरने की आवश्यकता नहीं।

  Deuteronomy (18/34)