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1. | इस्राएल के लोगों, इस सन्देश को सुनो! यहोवा ने तुम्हारे बारे में यह सब कहा है! यह सन्देश उन सभी परिवारों (इस्राएल) के लिये है जिन्हें मैं मिस्र देश से बाहर लाया हूँ। |
2. | “पृथ्वी पर अनेक परिवार हैं। किन्तु तुम अकेले परिवार हो जिसे मैंने विशेष ध्यान देने के लिये चुना। किन्तु तुम मेरे विरूद्ध हो गए। अत: मैं तुम्हारे सभी पापों के लिये दण्ड दूँगा।” |
3. | दो व्यक्ति तब तक एक साथ नहीं चल सकते जब तक वे कोई वाचा न करें! |
4. | जंगल में सिंह अपने शिकार को पकड़ने के बाद ही गरजता है। यदि कोई जवान सिंह अपनी माँद में गरज रहा हो तो उसका संकेत यही है कि उ सने अपने शिकार को पकड़ लिया है। |
5. | काई चिड़िया भूमि पर जाल में तब तक नहीं पड़ेगी जब तक उसमें कोई चुग्ग न हो यदि जाल बन्द हो जाये तो वह चिड़िया को फँसा लेगा। |
6. | यदि कोई तुरही खतरे की चेतावनी देगी तो लोग भय से अवश्य काँप उठेंगे। यदि काई विपत्ति किसी नगर में आई हो तो उसे यहोवा ने भेजा। |
7. | मेरा स्वामी यहोवा कुछ भी करने का निश्चय कर सकता है। किन्तु कुछ भी करने से पहले वह अपने सेवक नबियों को अपनी छिपी योजना बतायेगा। |
8. | यदि कोई सिंह दहाड़ेगा तो लोग भयभीत होंगे। यदि यहोवा कुछ भविष्यवक्ता से कहेगा तो वह भविष्यवाणी करेगा। |
9. | अशदोद और मिस्र के ऊँचे किलों पर जाओ और इस सन्देश की घोषणा करो: “शोमरोन के पर्वतों पर जाओ। वहाँ तुम बड़ी गड़बड़ी पाओगे। क्यों क्योंकि लोग नहीं जानते कि ठीक कैसे रहा जाता है। वे अन्य लोगों के प्रति क्रूर थे। वे अन्य लोगों से चीजें लेते थे और उन चीजों को अपने ऊँचे किलों में छिपाते थे। उनके खजाने युद्ध में ली गई उनकी चीजों से भरे हैं।” |
10. | अशदोद और मिस्र के ऊँचे किलों पर जाओ और इस सन्देश की घोषणा करो: “शोमरोन के पर्वतों पर जाओ। वहाँ तुम बड़ी गड़बड़ी पाओगे। क्यों क्योंकि लोग नहीं जानते कि ठीक कैसे रहा जाता है। वे अन्य लोगों के प्रति क्रूर थे। वे अन्य लोगों से चीजें लेते थे और उन चीजों को अपने ऊँचे किलों में छिपाते थे। उनके खजाने युद्ध में ली गई उनकी चीजों से भरे हैं।” |
11. | अत: यहोवा कहता है, “उस देश में एक शत्रु आएगा। वह शत्रु तुम्हारी शक्ति ले लेगा। वह उन चीजों को ले लेगा जिन्हें तुमने अपने ऊँचे किलों में छिपा रखा है।” |
12. | यहोवा यह कहता है, “जैसे जब कोई सिंह किसी मेमने पर झपटता है तो गड़ेरया उस मेमने का केवल कोई हिस्सा ही बचा सकता है। वह सिंह के मुँह से उसके दो पैर, या उसके कान के एक हिस्से को हीखींच सकता है। ठीक इसी तरह इस्राएल के अधिक लोग नहीं बचाये जा सकेंगे। सामारिया में रहने वाले लोग अपने बिछौने का कोई कोना या अपनी चौकी का कोई पाया ही बचा पाएंगे।” |
13. | मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा, यह कहता है: “याकूब (इस्राएल) के परिवार के लोगों को इन बातों की चेतावनी दो। |
14. | इस्राएल ने पाप किया और मैं उनके पापों के लिये उन्हें दण्ड दूँगा। मैं बेतेल की वेदी को भी नष्ट करूँगा। वेदी की सींगे काट दी जाएंगी और वे भूमि पर गिर जाएंगी। |
15. | मैं गर्मी के गृहों के साथ शीतकालीन गृहों को भी नष्ट करूँगा। हाथी दाँत से सजे गृह भी नष्ट होंगे। अनेकों गृह नष्ट किये जाएंगे।” यहोवा यह सब कहता है। |
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