1Chronicles (11/29)  

1. इस्राएल के सभी लोग हेब्रोन नगर में दाऊद के पास आए। उन्होंने दाऊद से कहा, “हम तुम्हारे ही रक्त माँस हैं।
2. अतीत में, तुमने युद्ध में हमारा संचालन किया। तुमने हमारा तब भी संचालन किया जब शाऊल राजा था। हे दाऊद, यहोवा ने तुझ से कहा, तुम मेरे लोगों अर्थात् इस्राएल के लोगों के गड़रिया हो। तूम मेरे लोगों के ऊपर शासक होगे।”
3. इस्राएल के सभी प्रमुख दाऊद के पास हेब्रोन नगर में आए। दाऊद ने हेब्रोन में उन प्रमुखों के साथ यहोवा के सामने एक वाचा की। प्रमुखों ने दाऊद का अभिषेक किया। इस प्रकार उसे इस्राएल का राजा बनाया गया। यहोवा ने वचन दिया था कि यह होगा। यहोवा ने शमूएल का उपयोग यह वचन देने के लिये किया था।
4. दाऊद और इस्राएल के सभी लोग यरूशलेम नगर को गए। यरूशलेम उन दिनों यबूस कहा जाता था। उस नगर में रहने वाले लोग यबूसी कहे जाते थे।
5. उस नगर के निवासियों ने दाऊद से कहा, “तुम हमारे नगर के भीतर प्रवेश नहीं कर सकते।” किन्तु दाऊद ने उन लोगों को पराजित कर दिया। दाऊद ने सिय्योन के किले पर अधिकार कर लिया। यह स्थान “दाऊद नगर” बना।
6. दाऊद ने कहा, “वह व्यक्ति जो यबूसी लोगों पर आक्रमण का संचालन करेगा, मेरी पूरी सेना का सेनापति होगा।” अतः योआब ने आक्रमण का संचालन किया। योआब सरूयाह का पुत्र था। योआब सेना का सेनापति हो गया।
7. तब दाऊद ने किले में अपना महल बनाया। यही कारण है उसका नाम दाऊद नगर पड़ा।
8. दाऊद ने किले के चारों ओर नगर बसाया। उसने इसे मिल्लो से नगर के चारों ओर की दीवार तक बसाया। योआब ने नगर के अन्य भागों की मरम्मत की।
9. दाऊद महान बनता गया। सर्वशक्तिमान यहोवा उसके साथ था।
10. दाऊद के विशिष्ठ वीरों के ऊपर के प्रमुखों की यह सूची हैः ये वीर दाऊद के साथ उसके राज्य में बहुत शक्तिशाली बन गये। उन्होंने और इस्राएल के सभी लोगों ने दाऊद की सहायाता की और उसे राजा बनाया। यह ठीक वैसा ही हुआ जैसा परमेश्वर ने वचन दिया था।
11. यह दाऊद के विशिष्ठ वीरों की सूची हैः यशोबाम हक्मोनी लोगों में से था। यशोबाम रथ अधिकारियों का प्रमुख था। यशोबाम ने अपने भाले का उपयोग तीन सौ व्यक्तियों से युद्ध करने के लिये किया। उसने एक ही बार में उन तीन सौ व्यक्तियों को मार डाला
12. एलीआजार दाऊद के विशिष्ठ वीरों में दूसरा था। एलीआजार दोदो का पुत्र था। दोदो अहोही से था। एलीआजार तीन वीरों में से एक था।
13. एलीआजर पसदम्मीम में दाऊद के साथ था। पलिश्ती लोग उस स्थान पर युद्ध करने आये। उस स्थान पर एक जौ से भरा खेत था। वही स्थान, जहाँ इस्राएली लोग पलिश्ती लोगों से भागे थे।
14. किन्तु वे तीन वीर उस खेत के बीच रुक गए थे और पलिश्तियों से लड़े तथा उन्हें हरा डाला था और इस प्रकार यहोवा ने इस्राएलियों को बड़ी विजय दी थी।
15. एक बार, दाऊद अदुल्लाम गुफा के पास था और पलिश्ती सेना नीचे रपाईम की घाटी में थी। तीस वीरों में से तीन वीर उस गुफा तक, लगातार रेंगते हुए दाऊद के पास पहुँचे।
16. अन्य अवसर पर, दाऊद किले में था, और पलिश्ती सेना का एक समूह बेतलेहेम में था।
17. दाऊद प्यासा था। अतः उसने कहा, “मैं चाहता हूँ कि मुझे कोई थोड़ा पानी बेतलेहेम में नगर द्वार के पास के कुएँ से दे।” दाऊद सचमुच यह नहीं चाहता था। वह केवल बात कर रहा था।
18. तब तीन वीरों ने पलिश्ती सेना के बीच से युद्ध करते हुए अपना रास्ता बनाया और नगर—द्वार के निकट बेतलेहेम के कुएँ से पानी लिया। तीनों वीर दाऊद के पास पानी ले गए। किन्तु दाऊद ने पानी पीने से इन्कार कर दिया। उसने पानी को यहोवा के नाम पर अर्पण कर, उण्डेल दिया।
19. दाऊद ने कहा, “परमेश्वर, मैं इस पानी को नहीं पी सकता। इन व्यक्तियों ने मेरे लिये इस पानी को लाने में अपने जीवन को खतरे में डाला। अतः यदि मैं इस पानी को पीता हूँ तो यह उनका खून पीने के समान होगा।” इसलिये दाऊद ने उस जल को पीने से इन्कार किया। तीनों वीरों ने उस तरह के बहुत से वीरता के काम किये।
20. योआब का भाई, अबीशै, तीन वीरों का प्रमुख था। वह अपने भाले से तीन सौ व्यक्तियों से लड़ा और उन्हें मार डाला। अबीशै तीन वीरों की तरह प्रसिद्ध हो गाया।
21. अबीशै तीस विरों से अधिक प्रसिद्ध था। वह उनका प्रमुख हो गया, यद्यपि वह तीन प्रमुख वीरों में से नहीं था।
22. यहोयादा का पुत्र बनायाह, कबजेल का एक वीर योद्धा था। बनायाह ने बड़े पराक्रम किये। उसने मोआब देश के दो सर्वोत्तम व्यक्तियों को मार डाला। वह जमीन के अन्दर एक माँद में घुसा और वहाँ एक शेर को भी मार डाला। वह उस दिन हुआ जब बर्फ गिर रही थी।
23. बनायाह ने मिस्र के एक व्यक्ति को मार डाला। वह व्यक्ति लगभग पाँच हाथ ऊँचा था। उस मिस्र के पुरुष के पास एक बहुत बड़ा और भारी भाला था। यह बुनकर के करघे के विशाल डण्डे के समान था और बनायाह के पास केवल एक लाठी थी। किन्तु बनायाह ने मिस्री से भाला छीन लिया। बनायाह ने मिस्री के अपने भाले का उपयोग किया और उसे मार डाला।
24. ये कार्य थे जिन्हें योहयादा के पुत्र बनायह ने किये। बनायाह तीन वीरों की तरह प्रसिद्ध हुआ।
25. बनायाह तीस वीरों में सबसे अधिक प्रसिद्ध था, किन्तु वह तीन प्रमुख वीरों में सम्मिलित नहीं किया गया। दाऊद ने बनायाह को अपने अंगरक्षकों का प्रमुख चुना।
26. बलिष्ठ वीर (तीस वीर) ये थेः असाहेल, योआब का भाई, एल्हानान, दोदो का पुत्र एल्हानान बेतलेहेम नगर का थाः
27. हरोरी लोगों में से शम्मोत, पलोनी लोगों में से हेलेस;
28. इक्केश का पुत्र, ईरा, ईरा तकोई नगर का था, अनातोत नगर का अबीएजेर;
29. होसाती लोगों में से सिब्बके, अहोही से ईलै,
30. नतोपाई लोगों में से महरै; बाना का पुत्र हेलेद नतोपाई लोगों में से था;
31. रीबै का पुत्र इतै, इतै बिन्यामीन के गिबा नगर से था, पिरातोनी लोगों में से बनायाह;
32. गाश घाटीयों से हूरै; अराबा लोगों में से अबीएल,
33. बहूरीमी लोगों में से अजमावेत; शल्बोनी लोगों में से एल्याबा;
34. हाशेम के पुत्र गीजोई हाशेम लोगों में से था; शागे का पुत्र योनातान, योनातान हरारी लोगों मे से था;
35. सकार का पुत्र अहीआम, अहीआम हरारी लोगों में से था; ऊर का पुत्र एलीपाल;
36. मेकराई लोगों में से हेपेर; पलोनी लोगों में से अहिय्याह;
37. कर्मेली लोगों में से हेस्रो, एज्बै का पुत्र नारै;
38. नातान का भाई योएल; हग्री का पुत्र मिभार;
39. अम्मोनी लोगों में से सेलेक, बेरोती नहरै (नहरै योआब का कवचवाहक था। योआब सरूयाह का पुत्र था)
40. येतेरी लोगों में से ईरा; इथ्री लोगों में से गारेब;
41. हित्ती लोगों में से ऊरिय्याह; अहलै का पुत्र जाबाद;
42. शीजा का पुत्र अदीना, शीजा रूबेन के परिवार समूह से था (अदीना रूबेन के परिवार समूह का प्रमुख था। परन्तु वह भी अपने साथ के तीस वीरों में से एक था।)
43. माका का पुत्र हानान; मेतेनी लोगों में से योशापात;
44. अशतारोती लोगों में से उज्जिय्याह; होताम के पुत्र शामा और यीएल, होताम अरोएरी लोगों में से था;
45. शिम्री का पुत्र यदीएल; तीसी लोगों से योहा, योहा यदीएल का भाई था;
46. महवीमी लोगों में से एलीएल; एलनाम के पुत्र यरीबै और योशव्याह; मोआबी लोगों में से यित्मा;
47. मसोबाई लोगों में से एलीएल; ओबेद; और यासीएल।

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